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उत्तरकाशी मस्जिद विवाद: जिले में प्रशासन ने हटाई धारा 163, 4 नवंबर को महापंचायत का आह्वान

उत्तरकाशी मस्जिद विवाद के बाद शांति व्यवस्था कायम होने के बाद पूरे जनपद में धारा 163 को हटा दिया गया है. वहीं

Uttarkashi mosque dispute
उत्तरकाशी में प्रशासन ने हटाई धारा 163 (Photo-ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 29, 2024, 10:15 AM IST

उत्तरकाशी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में इन दिनों मस्जिद विवाद सुर्खियों में बना हुआ है. जनाक्रोश रैली में बवाल की घटना के बाद महापंचायत के आह्वान से फिर तनाव की आशंका बरकरार है. हालांकि, कानून एवं शांति व्यवस्था के लिए जिला प्रशासन की ओर से पूरे जनपद में धारा 163 को बीते देर रात हटा दिया है. लेकिन दीपावली के बाद महापंचायत का आयोजन होता है तो फिर से तनाव की आशंका रहेगी. हालांकि अधिकारियों का कहना है उन्हें अभी महापंचायत के आयोजन को लेकर कोई लिखित सूचना नहीं मिली है.

विधायक ने प्रशासन की निंदा: वहीं 24 अक्टूबर को हुए बवाल को लेकर भाजपा पुरोला विधायक दुर्गेश लाल ने प्रशासन पर निशाना साधा है. उन्होंने इसके लिए पुलिस-प्रशासन पर आरोप लगाया है. उन्होंने उत्तरकाशी में फैले उन्माद को लेकर अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए उत्तरकाशी के प्रशासनिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए और जिलाधिकारी के रवैए की निंदा की है.

पुरोला विधायक ने प्रशासन पर साधा निशाना (Video-ETV Bharat)

तनाव के बाद लगाई गई थी धारा 163: बता दें कि बीते 24 अक्टूबर को मस्जिद के खिलाफ जनाक्रोश रैली के आयोजन में प्रदर्शनकारी और पुलिस के बीच पथराव व लाठीचार्ज की घटना घटी थी. जिसमें 9 पुलिसकर्मी सहित 27 लोग घायल हुए थे. इस घटना के बाद पुलिस ने 8 नामजद और 200 अज्ञात के खिलाफ बीएनएस से संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया. घटना के बाद ही तनाव बढ़ने की आशंका पर जिलाधिकारी डॉ.मेहरबान सिंह बिष्ट ने पूरे जनपद में बीएनएसएस की धारा 163 लागू कर दी थी.

धारा 163 के उल्लंघन पर की कार्रवाई: जिसके उल्लंघन पर शुक्रवार को जनाक्रोश रैली आयोजन से जुड़े जितेंद्र सिंह, सोनू नेगी व सूरज डबराल की गिरफ्तारी हुई. उसके बाद रैली में बड़कोट के उपराड़ी से शामिल हुए महंत केशवानंद गिरी ने उनके उपराड़ी स्थित आश्रम पर अज्ञात लोगों के पथराव का आरोप लगाया. मामले में पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया है. हालांकि उसके बाद से किसी तरह की अप्रिय घटना सामने नहीं आई है. लेकिन जिस तरह से रैली आयोजन से जुड़े लोगों ने दीपावली के बाद 4 नवंबर को महापंचायत आयोजन का आह्वान किया है. उससे महापंचायत आयोजन से फिर तनाव बढ़ने की आशंका जताई जा रही है.

वीडियो व फोटोग्राफी की जांच में जुटी पुलिस: क्योंकि अभी तक पूरे मामले में एक समुदाय ही सामने है. इस संगठन ने दूसरे संगठन के लोगों पर पत्थरबाजी का आरोप लगाया. हालांकि पुलिस प्रशासन ने संगठन के इस आरोप को नकारा है. पुलिस जनाक्रोश रैली में हुए बवाल के वीडियो व फोटोग्राफी की जांच में जुटी हुई है. वहीं जनपद अन्तर्गत शांति एवं कानून व्यवस्था कायम रहने पर जिला मजिस्ट्रेट डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने जिले में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत लागू निषेधाज्ञा आदेश को समाप्त करने का आदेश जारी कर दिया है.

जनाक्रोश रैली आयोजन से जुड़े संगठन ने अभी महापंचायत आयोजन को लेकर कोई लिखित सूचना नहीं दी है. सूचना मिलने पर उसके अनुसार आगे कार्रवाई की जाएगी. वर्तमान में तो शांति व्यवस्था कायम है.
अमित श्रीवास्तव, एसपी उत्तरकाशी

पुरोला विधायक ने साधा निशाना: मामले में पुरोला विधायक दुर्गेश लाल ने जनाक्रोश रैली में पथराव की घटना की कड़ी निंदा की है. विधायक ने कहा कि पूरे घटनाक्रम पर सरकार की नजर है. उन्होंने डीएम के बयान को भावावेश में दिया बताया. हिंदूवादी संगठनों के साथ उपद्रवियों जैसा बर्ताव किया जाना निंदनीय है. कहा कि इस मामले को लेकर वह मुख्यमंत्री से मिलकर निष्पक्ष जांच की मांग करेंगे. ताकि पहाड़ की शांत वादियों में जो जहर घोलने का काम करेगा, उनके मंसूबे कामयाब न हों.

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उत्तरकाशी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में इन दिनों मस्जिद विवाद सुर्खियों में बना हुआ है. जनाक्रोश रैली में बवाल की घटना के बाद महापंचायत के आह्वान से फिर तनाव की आशंका बरकरार है. हालांकि, कानून एवं शांति व्यवस्था के लिए जिला प्रशासन की ओर से पूरे जनपद में धारा 163 को बीते देर रात हटा दिया है. लेकिन दीपावली के बाद महापंचायत का आयोजन होता है तो फिर से तनाव की आशंका रहेगी. हालांकि अधिकारियों का कहना है उन्हें अभी महापंचायत के आयोजन को लेकर कोई लिखित सूचना नहीं मिली है.

विधायक ने प्रशासन की निंदा: वहीं 24 अक्टूबर को हुए बवाल को लेकर भाजपा पुरोला विधायक दुर्गेश लाल ने प्रशासन पर निशाना साधा है. उन्होंने इसके लिए पुलिस-प्रशासन पर आरोप लगाया है. उन्होंने उत्तरकाशी में फैले उन्माद को लेकर अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए उत्तरकाशी के प्रशासनिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए और जिलाधिकारी के रवैए की निंदा की है.

पुरोला विधायक ने प्रशासन पर साधा निशाना (Video-ETV Bharat)

तनाव के बाद लगाई गई थी धारा 163: बता दें कि बीते 24 अक्टूबर को मस्जिद के खिलाफ जनाक्रोश रैली के आयोजन में प्रदर्शनकारी और पुलिस के बीच पथराव व लाठीचार्ज की घटना घटी थी. जिसमें 9 पुलिसकर्मी सहित 27 लोग घायल हुए थे. इस घटना के बाद पुलिस ने 8 नामजद और 200 अज्ञात के खिलाफ बीएनएस से संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया. घटना के बाद ही तनाव बढ़ने की आशंका पर जिलाधिकारी डॉ.मेहरबान सिंह बिष्ट ने पूरे जनपद में बीएनएसएस की धारा 163 लागू कर दी थी.

धारा 163 के उल्लंघन पर की कार्रवाई: जिसके उल्लंघन पर शुक्रवार को जनाक्रोश रैली आयोजन से जुड़े जितेंद्र सिंह, सोनू नेगी व सूरज डबराल की गिरफ्तारी हुई. उसके बाद रैली में बड़कोट के उपराड़ी से शामिल हुए महंत केशवानंद गिरी ने उनके उपराड़ी स्थित आश्रम पर अज्ञात लोगों के पथराव का आरोप लगाया. मामले में पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया है. हालांकि उसके बाद से किसी तरह की अप्रिय घटना सामने नहीं आई है. लेकिन जिस तरह से रैली आयोजन से जुड़े लोगों ने दीपावली के बाद 4 नवंबर को महापंचायत आयोजन का आह्वान किया है. उससे महापंचायत आयोजन से फिर तनाव बढ़ने की आशंका जताई जा रही है.

वीडियो व फोटोग्राफी की जांच में जुटी पुलिस: क्योंकि अभी तक पूरे मामले में एक समुदाय ही सामने है. इस संगठन ने दूसरे संगठन के लोगों पर पत्थरबाजी का आरोप लगाया. हालांकि पुलिस प्रशासन ने संगठन के इस आरोप को नकारा है. पुलिस जनाक्रोश रैली में हुए बवाल के वीडियो व फोटोग्राफी की जांच में जुटी हुई है. वहीं जनपद अन्तर्गत शांति एवं कानून व्यवस्था कायम रहने पर जिला मजिस्ट्रेट डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने जिले में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत लागू निषेधाज्ञा आदेश को समाप्त करने का आदेश जारी कर दिया है.

जनाक्रोश रैली आयोजन से जुड़े संगठन ने अभी महापंचायत आयोजन को लेकर कोई लिखित सूचना नहीं दी है. सूचना मिलने पर उसके अनुसार आगे कार्रवाई की जाएगी. वर्तमान में तो शांति व्यवस्था कायम है.
अमित श्रीवास्तव, एसपी उत्तरकाशी

पुरोला विधायक ने साधा निशाना: मामले में पुरोला विधायक दुर्गेश लाल ने जनाक्रोश रैली में पथराव की घटना की कड़ी निंदा की है. विधायक ने कहा कि पूरे घटनाक्रम पर सरकार की नजर है. उन्होंने डीएम के बयान को भावावेश में दिया बताया. हिंदूवादी संगठनों के साथ उपद्रवियों जैसा बर्ताव किया जाना निंदनीय है. कहा कि इस मामले को लेकर वह मुख्यमंत्री से मिलकर निष्पक्ष जांच की मांग करेंगे. ताकि पहाड़ की शांत वादियों में जो जहर घोलने का काम करेगा, उनके मंसूबे कामयाब न हों.

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