नई दिल्ली: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 50 लोको पायलटों से मुलाकात की और उनकी कार्य स्थितियों का जायजा लिया. कांग्रेस ने दावा किया कि बैठक के दौरान लोको पायलटों ने अपर्याप्त आराम की शिकायत की.
पार्टी ने आरोप लगाया कि 'लोको पायलट लंबी दूरी, घर से दूर होने की शिकायत करते हैं और अक्सर उन्हें पर्याप्त ब्रेक के बिना ड्यूटी पर लगाया जाता है. इससे बहुत तनाव होता है और एकाग्रता में कमी आती है, जो दुर्घटनाओं का एक बड़ा कारण है.'
कांग्रेस ने एक बयान में कहा कि 'बैठक में लोको पायलटों ने राहुल गांधी से कहा कि उनकी लंबे समय से मांग है कि उन्हें साप्ताहिक 46 घंटे का आराम दिया जाए. इसका मतलब है कि शुक्रवार दोपहर को घर लौटने वाला ट्रेन ड्राइवर रविवार सुबह से पहले ड्यूटी पर वापस नहीं आएगा.'
पार्टी ने कहा कि 'रेलवे अधिनियम 1989 और अन्य नियमों में पहले से ही प्रति सप्ताह 30 + 16 घंटे के आराम का प्रावधान है, जिसे लागू नहीं किया जा रहा है. हवाई जहाज के पायलटों को भी आमतौर पर इतना ही आराम मिलता है. वे यह भी मांग करते हैं कि लगातार दो रातों की ड्यूटी के बाद एक रात का आराम दिया जाना चाहिए और ट्रेनों में ड्राइवरों के लिए बुनियादी सुविधाएं होनी चाहिए.'
केंद्र सरकार पर रेलवे में भर्ती की कमी का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने कहा कि पायलटों ने आशंका जताई है कि केंद्र सरकार द्वारा जानबूझकर उठाया गया यह कदम रेलवे का निजीकरण करने की योजना है. चर्चा के दौरान लोको पायलटों ने राहुल गांधी को बताया कि सरकार द्वारा लोको पायलटों की सभी भर्ती रोकने के कारण कर्मचारियों की कमी के कारण आराम की कमी हो रही है.
पार्टी ने कहा कि पिछले चार वर्षों में रेलवे के भर्ती बोर्ड ने हजारों रिक्तियों के बावजूद एक भी लोको पायलट की भर्ती नहीं की है. कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी ने लोको पायलटों को भरोसा दिलाया कि वे रेलवे के निजीकरण और भर्ती की कमी का मुद्दा लगातार उठाते रहे हैं. उन्होंने उनकी चिंताओं को सुना और पर्याप्त आराम की उनकी मांग का पूरा समर्थन किया. उन्होंने लोको पायलटों से वादा किया कि वे उनकी मांगों को सरकार के समक्ष उठाएंगे.