नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए लद्दाख के पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को बवाना पुलिस स्टेशन से रिहा कर दिया गया है. सोनम वांगचुक अपने सहयोगियों के साथ दिल्ली पुलिस के कड़े पहरे में राजघाट पहुंच गए हैं. वांगचुक ने 2 अक्टूबर को गांधी जी की समाधि स्थल पर जाने की इच्छा जाहिर की थी.
पर्यावरण एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को दिल्ली पुलिस एक प्राइवेट कार में राजघाट स्थित गांधी समाधि स्थल लेकर पहुंची. सोनम वांगचुक और लद्दाख के 150 नागरिकों को मंगलवार देर रात दिल्ली पुलिस द्वारा रिहा करने के बाद उन्हें दोबोरा हिरासत में लिया गया था. वांगचुक और कुछ अन्य लोगों को बवाना थाने में रखा गया. इसके अलावा अन्य लोगों को अलग-अलग थानों में रखा गया था.
VIDEO | Delhi: Security tightened at Rajghat, where climate activist Sonam Wangchuk will arrive shortly.
— Press Trust of India (@PTI_News) October 2, 2024
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बता दें, वांगचुक, जो 'दिल्ली चलो पदयात्रा' का नेतृत्व कर रहे थे, सोमवार को दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद अनिश्चितकालीन अनशन पर चले गए थे. पदयात्रा का आयोजन लेह एपेक्स बॉडी ने किया था, जो कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के साथ मिलकर पिछले चार वर्षों से लद्दाख को राज्य का दर्जा दिलाने और संविधान की छठी अनुसूची में इसे शामिल करने के लिए आंदोलन चला रही है.
#WATCH | Delhi | Ladakh activist Sonam Wangchuk, who was detained by released by Delhi Police, released from Bawana Police Station pic.twitter.com/8butofIiB1
— ANI (@ANI) October 2, 2024
वांगचुक ने एक महीने पहले लेह से 150 लद्दाखियों के साथ अपनी यात्रा शुरू की. मार्च करने वालों को सोमवार रात दिल्ली के बाहरी इलाकों में कई पुलिस स्टेशनों पर हिरासत में लिया गया. राजघाट जाते समय उन्हें शहर के सिंघू बॉर्डर पर हिरासत में लिया गया.
CM आतिशी को सोनम वांगचुक से मुलाकात करने से रोका था: सीएम आतिशी ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सोनम वांगचुक को रोकना तानाशाही है. लद्दाख के लोग राज्य का दर्जा चाहते हैं. सोनम वांगचुक और लद्दाख के लोग जो बापू की समाधि पर जा रहे थे, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. उन्होंने सोनम वांगचुक से मिलने नहीं दिया. यह भाजपा की तानाशाही है. हम सोनम वांगचुक का समर्थन करते हैं. लद्दाख में एलजी का शासन खत्म होना चाहिए, उसी तरह दिल्ली में भी एलजी का शासन खत्म होना चाहिए.
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