इरोड: तमिलनाडु पुलिस ने इरोड में पिछले छह महीने से नकली नोट की छपाई करने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. इस फर्जी काम में एक ही परिवार के तीन लोग शामिल थे. पुलिस के मुताबिक, आरोपी परिवार को यूटयूब देखकर नकली नोट बनाने का आइडिया आया था. पुलिस ने मामले में मुख्य आरोपी जयराज, उसके पिता जयपाल, मां सरसु और एक अन्य महिला सहकर्मी मैरी मेटिल्डा को गिरफ्तार किया है.
नकली नोट बनाकर लोगों को लगाया चूना
बता दें कि, पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. खबर के मुताबिक, तमिलनाडु के पेरुंदुरई के पास थिंगलुर के साप्ताहिक बाजार में भीड़ का फायदा उठाकर संदिग्ध गिरोह के लोग दुकान में ग्राहक बनकर सामान खरीदने जाते थे. उसके बाद दुकानदार को सामान खरीदने के बहाने 100, 200 और 500 के नकली भारतीय नोट थमाकर उन्हें चूना लगाने का काम करते थे.
कैसे सर्कुलेट करते थे नकली नोट?
नकली नोटों को बाजार में फैलाने के लिए संदिग्ध गिरोह दुकान के आसपास भीड़ जमा करते थे. उसके बाद वे लोग नकली नोटों को बाजार में सर्कुलेट करने का काम करते थे. बता दें कि, इलाके में साप्ताहिक मार्केट लगता है, जहां सब्जी और अन्य जरूरी वस्तुओं को खरीदने के लिए ग्रामीण लोग वहां पहुंचते हैं. जब कई दुकानदारों को लगा की कोई उन्हें नकली नोट देकर जबर्दस्त चूना लगा रहा है तो उनका माथा ठनक गया. फिर क्या था, आनन-फानन में सभी व्यापारियों ने थिंगलूर पुलिस थाने में जाकर नकली नोट संबंधी शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए एक्शन लिया. पुलिस ने सबसे पहले आम जनता को जागरूक किया.
पुलिस ने बिछाया जाल
पुलिस ने नकली नोट सर्कुलेट करने वाले गिरोह को पकड़ने के लिए जाल बिछाया. 25 तारीख को एक बुजुर्ग बाजार आया और 500 रुपये देकर फल खरीदे. दुकानदार ने जब 500 रुपये पर नजर दौड़ाई तो उसे शक हुआ. उसने तुरंत पुलिस को सूचित किया. पुलिस मौके पर पहुंची और पूछताछ के लिए 70 साल के बुजुर्ग जयपाल को पकड़कर थाने ले गई.
दर्जी का बेटा बनाता था नकली नोट
इरोड जिले के सत्यमंगलम के पास इक्कराई पल्ली गांव का रहने वाला यह बुजुर्ग तिरुपुर में दर्जी का काम करता है. जयपाल ने बताया कि उसका बेटा जयराज (40) घर पर यूट्यूब से नकली नोट बनाने का काम सीखा. वह घर पर नकली नोट छापने के लिए रंगीन जेरॉक्स मशीन का उपयोग करता था. बुजुर्ग ने पुलिस को बताया कि, वे लोग 100, 200 और 500 के नकली नोट छापकर उसे सत्यमंगलम, गोबी, कोलाप्पलुर, तिंगलुर और पेरूंदुरई जैसे ग्रामीण मार्केट में चलाते थे. नकली नोट छापने का यह काम पिछले छह महीनों से चल रहा था.
परिवार के सदस्य सर्कुलेट करते थे नकली नोट
बुजुर्ग ने बताया कि, उसका बेटा जयराज नकली नोट छापने का काम करता था. फेक करंसी छप जाने के बाद उसे मार्केट में चलाने का काम बुजुर्ग के साथ-साथ उसकी पत्नी सरसु और मैरी मटिल्डा नाम की महिला करती थी. वे लोग ग्राहक बनकर दुकानों में जाते थे, जहां वे कम मात्रा में सामान खरीदकर बाकी का रकम वापस ले लेते थे.
जाली नोट बनाने के आरोप में 4 गिरफ्तार
थिंगलुर पुलिस ने मुख्य आरोपी जयराज, उसके पिता जयपाल, उसकी मां सरसु और उसकी सहकर्मी मैरी मेटिल्डा पर दो धाराओं के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया. साथ ही पुलिस ने नकली नोट बनाने में इस्तेमाल की जाने वाली कलर जेरॉक्स मशीन, 100, 200 और 500 के नकली नोटों में 2.85 लाख रुपये और एक कार जब्त किए.
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