ETV Bharat / bharat

पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत प्राप्त 51 प्रतिशत आवेदन खारिज - PM CARES SCHEME

author img

By PTI

Published : Jul 16, 2024, 1:37 PM IST

PM CARES scheme applications rejected: कोविड महामारी के दौरान काफी संख्या में बच्चे अनाथ हो गए थे. तभी सरकार ने उनके पालन-पोषण को लेकर पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना लागू की.

COVID-ORPHANS-PM CARES
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो) (IANS)

नई दिल्ली: कोविड के चलते अनाथ हुए बच्चों के लिए पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत प्राप्त लगभग 51 प्रतिशत आवेदन खारिज कर दिए गए हैं. सूत्रों के हवाले से यह खबर दी गई है. भारत में कोविड-19 मामलों के चरम पर पहुंचने के बाद 29 मई, 2021 को पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना शुरू की गई.

पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना का उद्देश्य उन बच्चों की सहायता करना है, जिन्होंने 11 मार्च, 2020 से 5 मई, 2023 के बीच महामारी के कारण अपने माता-पिता, कानूनी अभिभावक, दत्तक माता-पिता या जीवित माता-पिता को खो दिया है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इस योजना के तहत 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 613 जिलों से कुल 9,331 आवेदन प्राप्त हुए.

हालांकि, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अधिकारी द्वारा न्यूज एजेंसी के साथ साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 558 जिलों से केवल 4,532 आवेदनों को मंजूरी दी गई. वहीं, 4,781 आवेदन खारिज कर दिए गए और 18 अर्जी लंबित हैं. मंत्रालय ने आवेदनों के अस्वीकृत होने को लेकर कोई विशेष कारण नहीं बताया है.

राज्यों में राजस्थान, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश ने क्रमशः 1,553, 1,511 और 1,007 आवेदनों के साथ सबसे अधिक आवेदनों की सूचना दी. जिन राज्यों के आवेदन स्वीकृति किए गए हैं उनमें महाराष्ट्र से 855, राजस्थान से 210 और उत्तर प्रदेश से 467 आवेदन शामिल हैं. इस योजना का उद्देश्य इन बच्चों की सतत रूप से व्यापक देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करना है. साथ ही 23 वर्ष की आयु तक उन्हें स्वास्थ्य बीमा, शैक्षिक सशक्तीकरण और वित्तीय सहायता प्रदान करना है.

ये भी पढ़ें- SC ने केंद्र से कहा- सभी अनाथ बच्चों तक कोविड-19 योजनाओं का लाभ पहुंचाने की संभावनाएं तलाशें

नई दिल्ली: कोविड के चलते अनाथ हुए बच्चों के लिए पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत प्राप्त लगभग 51 प्रतिशत आवेदन खारिज कर दिए गए हैं. सूत्रों के हवाले से यह खबर दी गई है. भारत में कोविड-19 मामलों के चरम पर पहुंचने के बाद 29 मई, 2021 को पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना शुरू की गई.

पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना का उद्देश्य उन बच्चों की सहायता करना है, जिन्होंने 11 मार्च, 2020 से 5 मई, 2023 के बीच महामारी के कारण अपने माता-पिता, कानूनी अभिभावक, दत्तक माता-पिता या जीवित माता-पिता को खो दिया है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इस योजना के तहत 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 613 जिलों से कुल 9,331 आवेदन प्राप्त हुए.

हालांकि, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अधिकारी द्वारा न्यूज एजेंसी के साथ साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 558 जिलों से केवल 4,532 आवेदनों को मंजूरी दी गई. वहीं, 4,781 आवेदन खारिज कर दिए गए और 18 अर्जी लंबित हैं. मंत्रालय ने आवेदनों के अस्वीकृत होने को लेकर कोई विशेष कारण नहीं बताया है.

राज्यों में राजस्थान, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश ने क्रमशः 1,553, 1,511 और 1,007 आवेदनों के साथ सबसे अधिक आवेदनों की सूचना दी. जिन राज्यों के आवेदन स्वीकृति किए गए हैं उनमें महाराष्ट्र से 855, राजस्थान से 210 और उत्तर प्रदेश से 467 आवेदन शामिल हैं. इस योजना का उद्देश्य इन बच्चों की सतत रूप से व्यापक देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करना है. साथ ही 23 वर्ष की आयु तक उन्हें स्वास्थ्य बीमा, शैक्षिक सशक्तीकरण और वित्तीय सहायता प्रदान करना है.

ये भी पढ़ें- SC ने केंद्र से कहा- सभी अनाथ बच्चों तक कोविड-19 योजनाओं का लाभ पहुंचाने की संभावनाएं तलाशें
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.