नई दिल्ली : संसद की सुरक्षा में तैनात 1,400 से अधिक सीआरपीएफ कर्मचारियों के हटने के बाद सोमवार से केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के 3,300 से अधिक कर्मी सुरक्षा की कमान के अलावा आतंकवाद रोधी तथा अन्य सुरक्षा दायित्वों की जिम्मेदारी संभालेंगे.
सूत्रों के अनुसार सीआरपीएफ के संसद की सुरक्षा संभालने वाले संसद दायित्व समूह (PDG) ने परिसर के अपना अमला-वाहन के अलावा हथियार और कमांडो को हटा लेने के साथ ही सभी सुरक्षा की जिम्मेदारियां सीआईएसएफ को सौंप दीं.
इस संबंध में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पुराने और नए संसद भवन तथा इस परिसर में स्थित संबंधित ढांचों की सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ के कुल 3,317 कर्मियों को शामिल किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले साल 13 दिसंबर को हुई सुरक्षा चूक की घटना के बाद ही सरकार ने सीआईएसएफ को सीआरपीएफ से सुरक्षा का कार्यभार संभालने के लिए कहा था.
बता दें कि वर्ष 2001 में संसद पर हुए आतंकवादी हमले की बरसी पर एक बड़ी सुरक्षा चूक में 13 दिसंबर, 2023 को शून्यकाल के समय दो व्यक्ति दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए थे. इस दौरान उन्होंने कैन से पीला धुआं छोड़ने के साथ ही नारेबाजी की थी. हालांकि इन लोगों को सांसदों ने पकड़ लिया था. उस दिन उसी समय संसद परिसर के बाहर दो अन्य व्यक्तियों ने भी नारे लगाते हुए कैन से रंगीन धुआं छोड़ा था.
इस घटना के बाद, संसद परिसर के सुरक्षा मुद्दों को देखने के लिए सीआरपीएफ महानिदेशक की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था. नाम नहीं छापने की शर्त पर अधिकारी ने बताया कि सीआईएसएफ की आतंकवाद रोधी सुरक्षा इकाई 20 मई सोमवार को सुबह 6 बजे से संसद परिसर का पूरा प्रभार संभाल लेगी. इस बारे में सीआईएसएफ के एक वरिष्ठ अफसर ने कहा कि अभी तक संसद की संयुक्त रूप से सुरक्षा करने वाले सीआरपीएफ पीडीपी के अलावा दिल्ली पुलिस के करीब 150 कर्मी और संसद सुरक्षा स्टाफ को हटा दिया गया है.
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