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AgustaWestland case: Court extends judicial custody of Ratul Puri till Nov 2

Delhi court's Special CBI judge Arvind Kumar on Friday extended the judicial custody of businessman Ratul Puri till November 2, in alleged connection with AgustaWestland VVIP chopper money laundering case. The case pertains to alleged irregularities in the purchase of 12 VVIP choppers from Italy-based Finmeccanica's British subsidiary AgustaWestland.

Ratul Puri (file photo)
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Published : Oct 25, 2019, 1:45 PM IST

New Delhi: A Delhi court on Friday extended the judicial custody of businessman Ratul Puri till November 2, in alleged connection with AgustaWestland VVIP chopper money laundering case.

Special CBI Judge Arvind Kumar passed the order in this regard. Puri was arrested by the Enforcement Directorate (ED) on September 3, following which he was sent to judicial custody in Tihar jail.

Ratul Puri, the nephew of Madhya Pradesh Chief Minister Kamal Nath, had earlier filed an application in the court seeking its permission to surrender in the case.

The case pertains to alleged irregularities in the purchase of 12 VVIP choppers from Italy-based Finmeccanica's British subsidiary AgustaWestland.

The deal was scrapped by the NDA government in 2014 over the alleged breach of contractual obligations and charges of payment of kickbacks for securing the deal.

Also Read: SC seeks response of Centre on plea for entry of Muslim women into mosques

New Delhi: A Delhi court on Friday extended the judicial custody of businessman Ratul Puri till November 2, in alleged connection with AgustaWestland VVIP chopper money laundering case.

Special CBI Judge Arvind Kumar passed the order in this regard. Puri was arrested by the Enforcement Directorate (ED) on September 3, following which he was sent to judicial custody in Tihar jail.

Ratul Puri, the nephew of Madhya Pradesh Chief Minister Kamal Nath, had earlier filed an application in the court seeking its permission to surrender in the case.

The case pertains to alleged irregularities in the purchase of 12 VVIP choppers from Italy-based Finmeccanica's British subsidiary AgustaWestland.

The deal was scrapped by the NDA government in 2014 over the alleged breach of contractual obligations and charges of payment of kickbacks for securing the deal.

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Intro:ऐतिहासिक हरियाली देवी यात्रा का धनतेरस पर आगाज
धनतेजर पर्व पर शाम को निकाली जाती है यात्रा
योगमाया का बाल स्वरूप है हरियाली देवी
देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु लेते हैं यात्रा में भाग
देश की यह एकमात्र ऐतिहासिक देव यात्रा, जो की जाती है रात के पहर
तामसी भोजन न करने वाले भक्त करते हैं यात्रा
रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग जिले के रानीगढ़ पट्टी के जसोली गांव स्थित सिद्धपीठ हरियाली देवी की ऐतिहासिक कांठा यात्रा धनतेरस पर्व पर शाम को निकाली जाती है। इस अवसर पर हरियाली देवी की डोली को फूल-मालाओं से सजाया जायेगा और रजत प्रतिमा के साथ जसोली मंदिर से मां हरियाली देवी के मायके हरियाल पर्वत के लिए यात्रा रवाना होगी। यह यात्रा रात के समय की जाती है, जिसमें देश-विदेश से हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं।
हर वर्ष धनतेरस पर्व पर सिद्धपीठ मां हरियाली देवी की यात्रा का आगाज होता है और इस बार धनतेरस पर्व शुक्रवार के दिन आ रहा है। यात्रा को लेकर स्थानीय ग्रामीणों से लेकर प्रवासियों में खासा उत्साह बना हुआ है। हरियाली देवी योगमाया का बालस्वरूप हैं, जो कि शुद्ध स्वरूप में वैष्णवी हैं। यात्रा में जसोली गांव की स्थानीय महिलाओं द्वारा मांगलिक गायनों के साथ हरियाली देवी की डोली को हरियाली पर्वत की ओर विदा किया जाता है। ढोल नगाड़ों तथा शंख की ध्वनि के साथ हजारों श्रद्धालुओ की मौजूदगी में जसोली गांव से हरियाली देवी की डोली हरियाल पर्वत की ओर रवाना होती है। हरियाल पर्वत मां हरियाली देवी का मूल उत्पत्ति स्थान है, जिसको देवी का मायका माना जाता है। Body:मूल मायका होने के कारण साल में एक बार दीपावली पर्व पर मां हरियाली की डोली को हरियाल पर्वत ले जाने की यह पौराणिक परंपरा है, जिसको हरियाली देवी कांठा यात्रा का स्वरूप दिया गया है। यात्रा के दौरान देवी के धर्म भाई हीत और लाटू के निशान हरियाली देवी डोली की अगुवाई करते हैं। देश की यह एक मात्र ऐतिहासिक देव यात्रा है जो रात के पहर में की जाती है, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने मां हरियाली की डोली के साथ जसोली गांव से दस किमी पैदल चलकर हरियाली के घने वनों के बीच से होकर अगले दिन सुबह पांच बजे हरियाल पर्वत देवी के मायके मूल मंदिर में पहुंचती है, जंहा पर देवी के मायके पाबो गांव के लोग डोली का भव्य स्वागत कर देवी को हरियाल पर्वत मंदिर में विराजमान करते हैं। स्थानीय निवासी देवराघवेन्द्र ने बताया कि योगमाया का बाल स्वरूप हरियाली देवी हैं और योग माया श्रीकृष्ण की बहन हैं। हर वर्ष धनतेरस पर यह ऐतिहासिक यात्रा निकाली जाती है, जिसमें देश-विदेश से भक्त सात दिन पहले ही तामसी भोजन छोड़कर यात्रा में भाग लेते हैं। उन्होंने कहा कि यह यात्रा खास मानी जाती है।
हरियाली देवी यात्रा के चार पड़ाव -
कोदिमा:- कोदिमा में देवी की डोली आधा घण्टा रूकती हैै। जहां पर कोदिमा गांव की महिलाओं द्वारा सभी यात्रियों का स्वागत किया जाता है तथा देवी को धूप-पुष्प अर्पित किया जाता है। कोदिमा गांव में देवी की डोली यात्रा रात साढ़े सात बजे पहंुचती है।
बांसों:- यह पड़ाव कोदिमा गांव से तीन किमी दूर घने जंगल के बीच में है। जहां पर देवी की डोली दस बजे रात्री पहंुचती है। सभी यात्री यहां पर ठण्ड अधिक होने के ़कारण आग तथा जलावन के सहारे ठहरते हैं। लगभग ठीक दो बजे डोली के साथ सभी यात्री अगले पड़ाव के लिए प्रस्थान करते हैं।Conclusion:पंचरंग्या पानी:- यह पड़ाव बांसो से दो किमी की दूरी पर स्थित है। इस स्थान पर अत्यधिक ठण्ड का प्रभाव होता है। यहां पर एक मात्र पानी का स्रोत है, जहां पर मां हरियाली देवी की मूर्ति का स्नान किया जाता है तथा सभी श्रद्धालु भी यहां पर पंच स्नान करते हंै। यहां पर लगभग सभी यात्री दो घण्टे का समय व्यतीत करते हैं और साढ़े तीन बजे यात्रा अगले पड़ाव के लिए प्रस्थान करती है।
कनखल: यह यात्रा का अन्तिम पड़ाव है, जहां पर यात्रा सुबह चार बजे पहुंचती है। पंचरंग्या से इसकी दूरी डेढ़ किमी है। यहां पर एक घण्टे विश्राम कर सभी यात्री ठीक पांच बजे मन्दिर की ओर प्रस्थान करते हैं तथा सूर्य की पहली किरण के साथ मंा हरियाली देवी की डोली अपने मूल स्थान में प्रवेश करती है।
कैसे पहुंचें हरियाली देवी यात्रा में-
हरियाली देवी मन्दिर जसोली गांव पहुंचने के लिए रुद्रप्रयाग से स्थानीय वाहनों से पहुंचा जा सकता है। रुद्रप्रयाग से पहले नगरासू और फिर जसोली गांव सम्पूर्ण मार्ग की दूरी 36 किमी है। जसोली गांव में धर्मशाला तथा उचित खाने की व्यवस्था है। जसोली गांव से ही हरियाली देवी यात्रा में सम्मलित होना पड़ता है। सामाजिक कार्यकर्ता नरेन्द्र सिंह सभी भक्तों को मां हरियाली देवी की यात्रा में सम्मिलित होने का आहवान किया है। उन्होंने कहा कि हरियाली देवी मंदिर समिति की ओर से सभी श्रद्धालुओं को उचित सुविधा दी जायेगी।
बाइट- देव राघवेंद्र, स्थानीय निवासी
बाइट- पुजारी, हरियाली मंदिर
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