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UP: Suspected of being trafficked, 170 kids deboarded from train

As many as 170 children were deboarded from Malda-Anandvihar weekly train at Bareilly Junction over suspicion that they were being trafficking. Police are interrogating the children.

170 children made to get down from Malda-Anandvihar weekly train in suspicion of human trafficking
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Published : Jun 30, 2019, 4:17 PM IST

Bareilly: After 33 children, who were being trafficked, were rescued from the Howrah-Mumbai Mail on Thursday in Chhattisgarh, the GRP deboarded 170 children from Malda-Anandvihar weekly train at Bareilly Junction of Uttar Pradesh on Friday as a precautionary measure.

170 children made to get down from Malda-Anandvihar weekly train in suspicion of human trafficking

The GRP was informed that more than two coaches of the train were occupied only by children. Smelling something fishy, police raided the coaches and deboarded the children from the train.

All the children hail from Jharkhand and Bihar. After the kids and their guardians were interrogated, it came to fore that they were students of a madarssa who were heading back to the institute after spending their holiday at their native place.

Police are looking into the matter as a precautionary measure.

Also read: Rs 100-crore worth brown sugar seized in Manipur

Bareilly: After 33 children, who were being trafficked, were rescued from the Howrah-Mumbai Mail on Thursday in Chhattisgarh, the GRP deboarded 170 children from Malda-Anandvihar weekly train at Bareilly Junction of Uttar Pradesh on Friday as a precautionary measure.

170 children made to get down from Malda-Anandvihar weekly train in suspicion of human trafficking

The GRP was informed that more than two coaches of the train were occupied only by children. Smelling something fishy, police raided the coaches and deboarded the children from the train.

All the children hail from Jharkhand and Bihar. After the kids and their guardians were interrogated, it came to fore that they were students of a madarssa who were heading back to the institute after spending their holiday at their native place.

Police are looking into the matter as a precautionary measure.

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Intro:बुलंदशहर के बहुचर्चित स्याना हिंसा मामले में शासन की स्वीकृति मिलने के बाद आज सीजेएम कोर्ट में हिंसा के आरोपियों पर राजद्रोह की धारा लगाने को लेकर इस पर सुनवाई हुई , अब तक जिला कारागार में चिंगरावठी में हुई हिंसा में निरुध्द 44 आरोपियों पर राजद्रोह की धारा लगा दी गयी है।रिपोर्ट देखिये।


Body:खबर यूपी के बुलंदशहर से बुलंदशहर में स्याना हिंसा मामले में जेल में निरुद्ध सभी 24 इंसान के आरोपियों पर सीजी अमरजीत सिंह ने 124a धारा को जोड़ते हुए सभी पर राजद्रोह का मुकदमा चलाने को हरी झंडी दे दी है हम आपको बता देंगे 3 दिसंबर को जो पूरा हिंसा का घटनाक्रम हुआ था उसके बाद इसमें 27 लोग नामजद जबकि करीब 60 लोगों के खिलाफ अज्ञात में मुकदमा पंजीकृत किया गया था एसआईटी ने हिंसा के आरोपियों पर 124a यानी राजगुरु की धारा उस वक्त भी लगाई थी लेकिन आरोपियों के अधिवक्ता संजय शर्मा ने तब इस पर अपना विरोध दर्ज कराते हुए कोर्ट में दलील दी थी कि शासन की अनुमति के बिना 124a यानी राजद्रोह का मुकदमा नहीं बनता जिसके बाद एसआईटी ने इसके लिए शासन से अनुमति के लिए पत्र भेजा हुआ था और अब इस पर प्रदेश सरकार ने स्वीकृति दे दी थी जो पत्र पिछले दिनों बुलंदशहर पहुंचा था, जिसके बाद आज सीजेएम की कोर्ट में सुनवाई हुई सभी जेल में निरुद्ध आरोपियों पर 124A धारा भी लगा दी यानी अब इन पर राजद्रोह का मुकदमा भी चलेगा।
हम आपको बता दें कि इस हिंसा की जो पूरी घटना हुई थी वह थाना कोतवाली क्षेत्र के महाव। गांव में गोवंश के अवशेष मिलने के बाद चिंगरावठी चौकी पर हिंदूवादी संगठन के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया था और वहां पर इस हंगामे में पथराव आगजनी हुई थी,पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया था, इसके बाद स्याना के तत्कालीन इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को भी मौत के घाट उतार दिया गया था तो वहीं चिंगरावटी गांव के नवयुवक सुमित की भी हत्या हो गई थी, उसके बाद इस मामले में सबसे पहले महाव गांव के जीतू फौजी का नाम निकल कर सामने आया था और जीतू फौजी को सेना ने एसआईटी को सौंप दिया था ,और फिर हिंदूवादी संगठन से ताल्लुक रखने वाले योगेश राज समेत अन्य कई नेताओं की नाटकीय ढंग से गिरफ्तारियां हुई थीं,अभी भी नामजद आरोपियों में से कई पुलिस की पकड़ के बाहर हैं।फिलहाल अब तक जो स्याना हिंसा में आरोपी जेल में निरुध्द हैं जिनमे जहां कुछ ने स्वयं कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था तो वहीं कई को पुलिस ने पकड़ा था।



Conclusion:फिलहाल अब हिंसा के आरोपियों के अधिवक्ताओं के पास सिर्फ हाईकोर्ट जाने का रास्ता है और जीतू फौजी समेत कई अन्य का मुकदमा लड़ रहे वरिष्ठ अधिवक्ता संजय शर्मा का कहना है कि अब वो इस राजद्रोह की धारा के अगेंस्ट में हाईकोर्ट का रूख करेंगे।
फिलहाल सभी आरोपियों की जहां अभी तक जमानत नहीं हुई है तो वहीं अब आरोपियों को जमानत मिलने में और भी दिक्कतें आ सकती हैं।

one to one....with ........
संजय शर्मा,जीतू फौजी समेत स्याना हिंसा के कई आरोपियों के अधिवक्ता



श्रीपाल तेवतिया,
बुलन्दशहर,
9213400888.
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