পটনা, 24 জুলাই : বিহারে খারাপ হচ্ছে বন্যা পরিস্থিতি । বাড়ছে একাধিক নদীর জলস্তর । ক্ষতিগ্রস্ত 10টি জেলা । বন্যার জেরে 7.65 লাখের বেশি মানুষ ক্ষতিগ্রস্ত হয়েছে ।
বিহার বিপর্যয় মোকাবিলা দপ্তরের প্রকাশিত রিপোর্ট অনুযায়ী, 7.65 লাখের বেশি মানুষ এখনও পর্যন্ত বন্যায় ক্ষতিগ্রস্ত । গতকাল পর্যন্ত সংখ্যাটি ছিল পাঁচ লাখের নিচে । নেপাল সীমান্ত সংলগ্ন জেলাগুলিতে একটানা বৃষ্টি হচ্ছে । পশ্চিম চম্পারণ, পূর্ব চম্পারণ, সীতামারি, শেহওর, সুপল, কিষাণগঞ্জ, দ্বারভাঙা, মুজ়ফ্ফরপুর, খগরিয়া এবং গোপালগঞ্জে ভারী বৃষ্টি হচ্ছে । ফলে বাড়ছে একাধিক নদীর জলস্তর ।
826টি পঞ্চায়েত এলাকা বন্যায় বিপর্যস্ত । জাতীয় বিপর্যয় মোকাবিলা বাহিনীর 13টি দল উদ্ধারের কাজ করছে । উদ্ধারকাজ চালাচ্ছে রাজ্য বিপর্যয় মোকাবিলা বাহিনীর আটটি দল । জলমগ্ন এলাকাগুলি থেকে 36 হাজার 448 জনকে ইতিমধ্যেই উদ্ধার করা হয়েছে ।
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NDA के 39 लोकसभा सांसद क्षेत्रों से गायब है। सरकार के कोई भी प्रभारी मंत्री संबंधित जिलों में नहीं गए। पूरा मंत्रिमंडल नदारद है। बाढ़ विभीषिका में जलसंसाधन मंत्री का कुछ अता-पता नहीं और ना ही स्वास्थ्य व आपदा प्रबंधन मंत्री का।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 23, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
हम हरसंभव पीड़ितों व जरूरतमंदो की सहायता कर रहे है। pic.twitter.com/oisGQQ9fjb
">NDA के 39 लोकसभा सांसद क्षेत्रों से गायब है। सरकार के कोई भी प्रभारी मंत्री संबंधित जिलों में नहीं गए। पूरा मंत्रिमंडल नदारद है। बाढ़ विभीषिका में जलसंसाधन मंत्री का कुछ अता-पता नहीं और ना ही स्वास्थ्य व आपदा प्रबंधन मंत्री का।
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हम हरसंभव पीड़ितों व जरूरतमंदो की सहायता कर रहे है। pic.twitter.com/oisGQQ9fjbNDA के 39 लोकसभा सांसद क्षेत्रों से गायब है। सरकार के कोई भी प्रभारी मंत्री संबंधित जिलों में नहीं गए। पूरा मंत्रिमंडल नदारद है। बाढ़ विभीषिका में जलसंसाधन मंत्री का कुछ अता-पता नहीं और ना ही स्वास्थ्य व आपदा प्रबंधन मंत्री का।
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28টি শরণার্থী শিবিরে প্রায় 14 হাজার মানুষ আশ্রয় নিয়েছে । 192টি কমিউনিটি কিচেনের ব্যবস্থা করা হয়েছে । প্রায় 80 হাজার মানুষের খাবারের ব্যবস্থা করা হয়েছে । রাজ্য পর্যটন এবং সংস্কৃতি মন্ত্রী প্রমোদ কুমার স্থানীয় নেতাদের সঙ্গে বন্যা কবলিত এলাকাগুলি পরিদর্শন করেন । সঙ্গে ছিলেন ডেপুটি কালেক্টর মেঘা কাশ্যপও । প্রমোদ কুমার জানান, প্রত্যেকে 6 হাজার টাকা পাবেন ।
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बिहार के मुख्यमंत्री इस गंभीर आपदाकाल में भी 4 महीने से अदृश्य है। इस निर्दयी सरकार ने छात्रों, मज़दूरों, मरीज़ों, ग़रीबों और आम आदमी को मुसीबत के बीच मरने के लिए छोड़ दिया।
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नीतीश जी को कोरोना, बाढ़, बेरोजगारी, पलायन, ग़रीबी और बाढ़ से बेहाल एवं मरने वालों की कोई चिंता नहीं। pic.twitter.com/CotQ6orEs6
">बिहार के मुख्यमंत्री इस गंभीर आपदाकाल में भी 4 महीने से अदृश्य है। इस निर्दयी सरकार ने छात्रों, मज़दूरों, मरीज़ों, ग़रीबों और आम आदमी को मुसीबत के बीच मरने के लिए छोड़ दिया।
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नीतीश जी को कोरोना, बाढ़, बेरोजगारी, पलायन, ग़रीबी और बाढ़ से बेहाल एवं मरने वालों की कोई चिंता नहीं। pic.twitter.com/CotQ6orEs6बिहार के मुख्यमंत्री इस गंभीर आपदाकाल में भी 4 महीने से अदृश्य है। इस निर्दयी सरकार ने छात्रों, मज़दूरों, मरीज़ों, ग़रीबों और आम आदमी को मुसीबत के बीच मरने के लिए छोड़ दिया।
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नीतीश जी को कोरोना, बाढ़, बेरोजगारी, पलायन, ग़रीबी और बाढ़ से बेहाल एवं मरने वालों की कोई चिंता नहीं। pic.twitter.com/CotQ6orEs6
অরেরাজ, সংগ্রামপুর এবং কেশরিয়া এলাকার গ্রামগুলির প্রায় 78,717 মানুষ ক্ষতিগ্রস্ত । মুজ়ফ্ফরপুরের বাসিন্দারা 57 নম্বর জাতীয় সড়কে বিক্ষোভ দেখান । অভিযোগ, তাঁদের প্রয়োজনীয় ত্রাণ সামগ্রী দিতে ব্যর্থ প্রশাসন । এরপর প্রশাসনিক আধিকারিকরা ঘটনাস্থানে যান । তাঁদের আশ্বাসেঅবরোধ তুলে নেন স্থানীয়রা ।