उत्तरकाशीः नंगे पांव तेज धार की डांगरियों पर चलते हैं पश्वा, आप भी देखकर रह जाएंगे अंचभित
उत्तराखंड को यूं ही देवभूमि नहीं कहा जाता है, यहां कोने-कोने में देवी-देवताओं का वास है. यहां पर विराजमान आस्था के केंद्र इस पावन धरा को अपनी अलग पहचान देते हैं. इसी वजह से आज भी देवताओं की आराधना पर उनके पश्वों पर देवता अवतरित होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं. गंगा-यमुना के मायका कहे जाने वाले खरसाली और मुखबा गांव में सोमेश्वर देवता, ग्रामीणों के आराध्य देव हैं. जो किसी विशेष अवसर अपने पश्वा पर अवतरित होते हैं. इतना ही नहीं ये पश्वा तेज धार की डांगरियों (छोटी कुल्हाड़ियों) पर नंगे पांव चलते हैं. जो अपने आप में बेहद अंचभित और अनूठा होता है.