EMERGENCY@44: 'वो काली' आज भी सोने नहीं देती, याद कर सिहर उठते हैं पुनीत लाल
आपातकाल यानी भारतीय लोकतंत्र का वो काला अध्याय जिसका नाम आते ही 25 जून 1975 की रात का काला मंजर सामने आ जाता है. जब एक झटके में ही लोगों के नागरिक अधिकार रद्द कर दिये गए. आपातकाल के 44 साल होने जा रहे हैं. भारत के राजनीतिक इतिहास में इसे काला दिन कहा जाता है. उस वक्त के साक्षी हल्द्वानी निवासी पुनीत लाल धींगरा (83) ने आपातकाल से जुड़ी घटनाओं के बारे ईटीवी भारत से खास बातचीत की.