अस्तांचल की ओर बागेश्वर का ताम्र शिल्पकला
आजादी से पहले की ताम्र शिल्पकला विलुप्त होने के आखिरी कगार पर है. आजादी के दौरान बागेश्वर के 5 गांवों के लोगों का ताम्र शिल्पकला उनका प्रमुख व्यवसाय हुआ करता था लेकिन अब सिर्फ खर्कटम्टा गांव के 3 परिवार ही इस कला को संजोए हुए हैं. खास बात ये है कि इन तीनों परिवारों की भी ये आखिरी पीढ़ी है जो जिसने इस शिल्पकला को जिंदा रखा है.