'डिजिटल' की चमक में फीका पड़ा 'सर्कस', लोगों में खत्म हुआ क्रेज - देहरादून न्यूज
सर्कस...ये शब्द सुनकर बरबस ही आंखों के सामने कुछ तस्वीरें उभर उठती हैं. रंग-बिरंगे कपड़ों में उछलते-कूदते जोकर, पतली-पतली रस्सियों और झूलों पर कलाबाजियां कर बिजली सी तेज रफ्तार से दौड़ते कलाकार, एक पहियेवाली साइकिल पर पलती रस्सी पर करतब करती लड़की तो कभी हाथों में चाबुक लिये जंगल के राजा शेर को फटकारता रिंग मास्टर...ये सब वही सोच सकता है जिसने वो सर्कस 'जिया' हो.