उत्तरकाशी/हल्द्वानी: भाई- बहन के प्रेम के प्रतीक रक्षाबंधन की तैयारियां जोरों पर हैं. कई जगहों पर धूमधाम से रक्षाबंधन मनाया भी जा रहा है. हर साल रक्षाबंधन पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. इस दिन बहने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांध कर उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं. इस बार रक्षाबंधन का पवित्र पर्व पर्व दो दिन मनाया जाएगा. रक्षाबंधन से पहले बाजारों में भीड़ भाड़देखी जा रही है. महिलाएं जमकर बाजारों में राखी की खरीदारी कर रही हैं. बाजारों में सोने, चांदी की रखियों के साथ डायमंड की डिजाइनर राखियां देखने को मिल रही हैं. वहीं, उत्तरकाशी में महिलाओं ने इस दिन को खास बनाने के लिए गंगा डॉल राखी तैयार की है.
खास है गंगा डॉल राखी :भटवाड़ी ब्लॉक के नेताला गांव में महिलाओं ने राखियां (गंगा डॉल) तैयार की है. इन राखियों को गंगा डॉल नाम दिया गया है. एक माह के अंतराल में नेताला के 'मां दुर्गा' एवं 'शिव शक्ति' स्वयं सहायता ने 50 हजार राखियां तैयार की हैं. जिसमें 45 हजार राखी मानव उत्थान संस्था गुजरात को बेची गई हैं. इससे इन महिला समूह की 4.50 लाख रुपये की आमदानी हुई है. ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना के परियोजना प्रबंधक कपिल उपाध्याय ने इन महिलाओं को प्रोत्साहित किया है.
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10 रुपये है राखी की कीमत: मां गंगा कृषि उत्पादन एवं विपणन स्वायत सहकारिता के अंतर्गत 'मां दुर्गा' एवं 'शिव शक्ति' स्वयं सहायता समूह की 16 महिलाओं ने गंगा डॉल नाम से राखी तैयार की. जिसमें ऊन से बुलाई व कढ़ाई की गई. राखी को एक डॉल का रूप दिया गया. गुजरात की मानव उत्थान संस्थान ने महिलाओं को राखी बनाने ऑर्डर दिया. जिसके बाद ये महिलाएं गंगा डॉल राखी बनाने में जुटी. एक राखी की कीमत 10 रुपये रखी गई है. ऑर्डर पूरा करने के बाद समूह की महिलाओं ने पांच हजार गंगा डॉल राखी को 'मुख्यमंत्री सशक्तीकरण योजना' के अंतर्गत विकासखंड भटवाड़ी के नेताला गांव में स्टाल पर रखा. समूह की महिलाओं ने बताया कि समूह की राखी की डिमांड बहुत आ रही है. जिससे समूह को एक अच्छा स्वरोजगार मिल रहा है.
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हल्द्वानी में डायमंड डिजाइनर राखियों की डिमांड: हल्द्वानी के सराफा बाजार में एक से बढ़कर एक डिजाइनर चांदी, सोने और डायमंड की राखी मौजूद हैं. जिनकी कीमत 100 से लेकर 2 लाख रूपये तक है. ये राखियां लोगों को खूब अकर्षित कर रहीं हैं. राखियों के बारे में जानकारी देते हुए शुभम वर्मा ने बताया कि बाजारों में गोल्ड और सिल्वर राखी की बड़ी डिमांड हैं. इसके अलावा गोल्ड की दुकानों पर बैंकाक और टर्की की भी राखियां पहुंची है जो चांदी और सोने में हॉलमार्क में उपलब्ध है. उन्होंने बताया बहनें अपनी भाइयों की कलाई पर बांधने के लिए बढ़-चढ़कर चांदी की राखियां खरीद रही हैं. पूर्व के वर्षो की अपेक्षा रक्षाबंधन पर इस बार चांदी और सोने की राखी अधिक खरीदी जा रही हैं. जिससे व्यपारियो में भी हर्ष की लहर है.