उत्तरकाशी:इको सेंसिटिव जोन के नियमों के चलते गंगोत्री धाम में गंगा (भागीरथी) में जमा रॉ वेस्ट मटेरियल नहीं हट पा रहा था. अब राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने इको सेंसिटिव जोन का मास्टर प्लान बनने के बाद अब गंगोत्री में भगीरथी नदी से मलबा हटाने के लिए नई योजना तैयार की है. इस योजना के तहत नदी से आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत मलबा हटाया जाएगा. गंगोत्री विधायक के अनुसार इस मलबे को बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन को दिया जाएगा. विधायक ने दावा किया है कि आगामी वर्ष की चारधाम यात्रा से पहले भागीरथी नदी से यह मलबा हटाया जाएगा. जिससे गंगा घाटों का सुरक्षित निर्माण किया जा सके.
वर्ष 2012 और 2013 की आपदा के दौरान गंगोत्री धाम में गंगा भागीरथी में कई हजार टन शिल्ट जमा हो गया था. इस शिल्ट के कारण विगत 6 वर्षों से बरसात के मौसम में गंगा का जलस्तर बढ़ गया. इससे गंगा घाटों को काफी नुकसान हुआ. कई बार भागीरथी शिला और आश्रमों के लिए भी गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण खतरा बन जाता था. आपदा के दौरान गंगा घाट बह गए थे. उसके बाद उनके निर्माण में हमेशा बरसात के दौरान गंगा में जमा शिल्ट बढ़ते जलस्तर को बाधित करता है. इस कारण घाटों का निर्माण नहीं हो पा रहा था.