उत्तरकाशी: मां यमुना के तीर्थस्थल यमुनोत्री धाम के पैदल यात्रा मार्ग पर गुरुवार देर शाम दो और तीर्थ यात्रियों की मौत (Two pilgrims died on Yamunotri walking route) हो गई. बिहार निवासी एक यात्री की पैदल मार्ग पर पैर फिसलने से मौत हुई, जबकि गुजरात निवासी के साथ यात्री की हृदय गति रुकने से मौत हुई. ऐसे में अबतक यमुनोत्री धाम आए 13 यात्रियों की मौत हुई है, जिनमें से 12 यात्रियों की हार्टअटैक से मौत हुई.
इसके साथ ही चारधाम यात्रा में मरने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या 32 हो गई है. धामों के कपाट खुलने के बाद से अबतक स्थिति ये है कि यमुनोत्री पैदल मार्ग पर 13 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है, केदारनाथ में 11, बदरीनाथ में 5 और गंगोत्री में 3 यात्रियों की मौत हो चुकी है. बता दें कि गुरुवार (12 मई) रात 8 बजे यमुनोत्री पैदल मार्ग पर रामबाबू प्रसाद (65) पुत्र यमुना शाह निवासी यमुनासाथी मोतिहारी ईस्ट चंपारण बिहार का पैर फिसल गया, जिससे वह घायल हो गए. घायल यात्री को जानकी चट्टी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
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वहीं, गुरुवार रात साढ़े आठ बजे करीब प्रकाश चंद (58) पुत्र चंदूलाल ठक्कर निवासी दीस बनासकांडा नार्वे गुजरात यमुनोत्री धाम से यात्रा कर वापस लौट रहे थे, तभी रास्ते में पैदल मार्ग पर उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई. जिसके बाद उन्हें भी जानकी चट्टी हॉस्पिटल ले जाया गया. जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
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मृतकों में 30 साल आयु वर्ग के भी: आंकड़ों पर गौर करें तो 30 से 40 साल उम्र के 3 श्रद्धालुओं की जान गई है. इसी तरह 40 से अधिक और 50 तक की उम्र वाले 4 श्रद्धालुओं ने अपनी जान गंवाई है. 50 से 60 साल तक की उम्र वाले 9 श्रद्धालुओं की जान गई है. जबकि 76 साल तक के 13 मरीजों की जान गई है. सबसे ज्यादा मौतें यमुनोत्री पैदल मार्ग और केदारनाथ में हो चुकी हैं.