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उत्तरकाशी में कूड़ा बना जी का जंजाल, यात्रा शुरू होने को है और ये हाल

चारधाम यात्रा से पहले उत्तरकाशी में कूड़ा बना सबसे बड़ी समस्या. कचरों के ढेर और दुर्गंध से लोग परेशान. समाधान नहीं निकाला तो श्रद्धालु भी होंगे परेशान.

उत्तरकाशी बना कूड़ा नगरी.

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Published : Apr 26, 2019, 12:07 PM IST

Updated : Apr 26, 2019, 2:34 PM IST

उत्तरकाशी: चारधाम यात्रा शुरू होने के लिए दो हफ्ते से भी कम का समय बचा है. लेकिन, चारधाम यात्रा के मुख्य पड़ाव उत्तरकाशी मुख्यालय में शासन-प्रशासन सहित नगरपालिका कूड़े के निस्तारण का समाधान नहीं निकाल पाये हैं. नगरपालिका बाड़ाहाट की बात करें तो हर दिन नगर में 7 से 8 टन कूड़ा एकत्रित होता है. यात्रा सीजन के दौरान ये कूड़ा डबल हो जाता है. ऐसे में अगर जल्द कूड़ा निस्तारण के लिए कुछ ठोस कदम नहीं उठाये गए तो यात्रा के दौरान उत्तरकाशी में जगह-जगह कूड़ा ही देखने को मिलेगा.

नगरपालिका बाड़ाहाट के लिए उत्तरकाशी नगर का कूड़ा बड़ी मुसीबत बन गया है. तेखला सहित नालूपानी और मांडों में विरोध होने के बाद अब नगरपालिका ने कूड़े का ढेर तामाखानी क्षेत्र के नीचे लगा दिया है. तामाखानी के पास लगने वाली टैक्सी चालकों सहित यात्रियों को दुर्गंध से परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है.

उत्तरकाशी बना 'कूड़ा नगरी'

दरअसल, हाई कोर्ट से शासन को निर्देश हुआ था कि 27 अप्रैल तक नगरपालिका बाड़ाहाट को कूड़े के लिए भूमि उपलब्ध करवाएं. लेकिन, अभी तक किसी प्रकार की सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई है. अब ये कूड़ा यूं ही पड़ा रहा तो चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के लिए भी बड़ी मुसीबत बना रहेगा.

बता दें कि उत्तरकाशी नगर मुख्यालय गंगोत्री और यमुनोत्री धाम का मुख्य पड़ाव है. ऑफ सीजन में नगर क्षेत्र में लगभग 7 से 8 टन कूड़ा और यात्रा के दौरान खुलने वाले होटल ढाबों सहित ठेली रेडियो और यात्रियों की संख्या बढ़ने से कूड़ा डबल हो जाएगा. कोई समाधान नहीं निकाला गया तो उत्तरकाशी पहुंचते ही श्रद्धालुओं को क्षेत्र में कूड़ा ही कूड़ा नजर आएगा. गौर हो, 7 मई को यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट, 9 मई को केदारनाथ धाम व 10 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुल रहे है.

Last Updated : Apr 26, 2019, 2:34 PM IST

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