पुरोला: उत्तरकाशी की पुरोला तहसील के सरगांव में स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत बेहद बदहाल है. घाटी में कोई प्राथमिक उपचार केंद्र तक नहीं है, जिसके चलते गांव की एक महिला को अचानक पेट में दर्द होने पर उसे 28 किलोमीटर चलकर बड़कोट स्वास्थ्य केंद्र ले जाना पड़ा.
महिला को कंधे पर बैठाकर स्वास्थ्य केंद्र ले जाते युवा. बड़कोट तक जाने के लिए मरीज के साथ-साथ तीमारदारों को भी अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ी. जैसे-तैसे लकड़ी के पुल से उफनती नदी को पार करना पड़ा.
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बता दें कि पुरोला तहसील के सरगांव की प्रार्थना नाम की महिला के पेट में अचानक दर्द उठा. घाटी में कोई प्राथमिक उपचार केंद्र नहीं था. जल्दी-जल्दी लकड़ी का एक स्ट्रेचर बनाया गया और ग्रामीणों ने महिला को उसपर बैठाया. पथरीले और फिसलते रास्तों से होते हुये, उफनती नदी को पार कर बमुश्किल महिला को बड़कोट पहुंचाया गया. लेकिन बड़कोट से भी महिला को देहरादून के लिए रेफर कर दिया गया.
गौरतलब है कि बड़ियार गांव में कुछ ही दिन पहले ग्रमीणों द्वारा लकड़ी के डंडों से बनाए गए इस अस्थायी पुल पर पैर फिसलने से एक ग्रामीण की मौत हो गई थी. बावजूद इसके शासन-प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.