पुरोलाःहमारे देश में लोक कल्याण के लिए अनेक योजनाएं बनती हैं लेकिन अधिकांश योजनाएं लालफीताशाही की भेंट चढ़ जाती हैं. प्रशासनिक लापरवाही का खामियाजा आम नागरिकों को भुगतना पड़ता है. उत्तरकाशी जिले के पुरोला में इसकी बानगी देखी जा सकती है. यहां प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत निर्माणाधीन पाणी गांव-कांतड़ी-बेनाई मोटरमार्ग पिछले 10 सालों में 6 किलोमीटर भी विभाग नहीं बना पाया. यहां नौ दिन चले अढ़ाई कोस वाली कहावत चरितार्थ हो रही है.
निर्माण कार्यों की रफ्तार को देखते हुए लगता है कि विभाग के लिये ये सड़क कामधेनु बनी है. वहीं फेज-2 के तहत होने वाले निर्माण कार्यों में नियमों को ताक पर रख ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए कार्यदायी संस्था कच्चे पत्थरों से सोलिंग करने की तैयारी में लगा है, जिसको लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है.
केंद्र सरकार द्वारा पोषित योजना के तहत वर्ष 2009-10 में निर्माणाधीन पाणी गांव- कांतड़ी-बेनाई मोटरमार्ग पिछले 10 सालों में महज 6 किलोमीटर भी बनकर तैयार नहीं हो पाया है. जिसको लेकर कई बार ग्रमीणों ने शासन व प्रसाशन को आंदोलन तक की चेतवानी दे डाली, लेकिन केंद्रीय एजेंसियां निर्माण कार्यों में कोई तेजी नहीं ला रही.