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डंडी-कंडियों से सहारे इस गांव की 'जिंदगी', 7 किमी कंधे पर लादकर घायल को पहुंचाया अस्पताल

उत्तराखंड में कई ऐसे गांव हैं, जहां आजतक सड़क नहीं पहुंच पाई है. इन गांवों की जिंदगी आज भी डंडी-कंडियों के सहारे चल रही है.

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उत्तरकाशी स्वास्थ्य सेवाएं

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Published : Oct 22, 2020, 8:52 AM IST

Updated : Oct 22, 2020, 3:06 PM IST

उत्तरकाशी:पहाड़ों में विकास की कई नई इबारत लिखने के दावे डबल इंजन की सरकार कर रही है. लेकिन सरकार यह भूल गई कि जब तक पहाड़ के आम व्यक्ति तक सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधा नहीं पहुंचाई जाती, तब तक विकास के सभी दावे खोखले हैं. यही कारण है कि आज भी पहाड़ पर जिंदगियां डंडी-कंडियों के सहारे चलती है. गांव में सड़क न होने के कारण आज भी ग्रामीण बीमार लोगों को डंडी-कंडियों के सहारे मीलों का सफर तय कर अस्पताल पहुंचाने को मजबूर हैं.

चिन्यालीसौड़ ब्लॉक के न्यू खालसी माड़ के प्रधान कुलवीर कंडियाल ने बताया कि बुधवार दोपहर को गांव के जय सिंह और उनके पुत्र सुनील एक सूखा पेड़ काट रहे थे. तभी अचानक पेड़ जय सिंह के ऊपर जा गिरा, जिस कारण वो गंभीर रूप से घायल हो गए. ग्रामीणों ने जय सिंह को अस्पताल पहुंचाने के लिए डंडी-कंडियां तैयार की और 7 किमी पैदल चलकर सड़क तक पहुंचाया. वहां से सीएचसी चिन्यालीसौड़ ले जाया गया.

प्रदेश के दूरस्थ गांवों की तस्वीर.

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प्रधान कुलवीर कंडियाल ने बताया कि डंडी और कंडी अब ग्रामीणों का भाग्य बनकर रह गया है. आजादी से अब तक गांव में सड़क नहीं पहुंच पाई है, जिस कारण मरीजों और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जबकि इस संबधं में शासन और प्रशासन को कई बार अवगत कराने के बाद भी जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं.

Last Updated : Oct 22, 2020, 3:06 PM IST

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