उत्तरकाशीः चारधाम यात्रा से जुड़े होटल और पर्यटन व्यवसायी समेत हर्षिल घाटी के ग्रामीणों के सब्र का बांध टूट गया है. चारधाम यात्रा शुरू न होने से गुस्साए सैकड़ों लोग गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुए, लेकिन पुलिस ने उन्हें हर्षिल में ही रोक दिया. इस दौरान उनकी पुलिस के साथ तीखी बहस भी हुई. आक्रोशित लोग यात्रा खोलने की मांग को लेकर वहीं धरने पर बैठ गए. हालांकि, प्रशासन और पुलिस के काफी समझाने के बाद आक्रोशित लोगों ने धरना खत्म किया.
सोमवार को होटल व्यवसायी, व्यापार मंडल, पर्यटन व्यवसायी समेत हर्षिल घाटी के उपला टकनौर के ग्रामीण चारधाम यात्रा को शुरू करने की मांग को लेकर गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुए. पुलिस ने गंगोत्री धाम से 25 किमी पहले हर्षिल में बैरियर लगाकर सभी को रोक दिया. पुलिस के साथ यात्रा से जुड़े व्यवसायियों की तीखी-नोंक झोक भी हुई. जब स्थानीय लोगों को गंगोत्री धाम नहीं जाने दिया गया तो सभी लोग हर्षिल में पुलिस बैरियर के पास ही धरने पर बैठ गए और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
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होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र मटूड़ा, सचिव रविंद्र नेगी, संजय पंवार, मनोज रावत ने कहा कि चारधाम यात्रा बंद होने से लाखों लोगों के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया है तो वहीं अब स्थानीय लोगों को गंगोत्री धाम जाने से रोका जा रहा है. साथ ही कहा कि जब प्रदेश में सब कुछ सामान्य है तो चारधाम यात्रा क्यों बंद की गई है? उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर चारधाम यात्रा शुरू नहीं की गई तो आगे उग्र आंदोलन किया जाएगा.