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जुलाई से सरकारी स्कूल में रहने को मजबूर आपदा पीड़ित, प्रशासन नहीं ले रहा सुध - उत्तरकाशी परिवार

जुलाई 2021 में उत्तरकाशी जनपद में आई आपदा से भारी नुकसान हुआ था. ऐसे में आपदा पीड़ित तीन परिवारों को राजकीय इंटर कॉलेज मुस्टिकसौड़ के भवनों शिफ्ट किया था लेकिन आज तक भी इन्हें अपनी छत नहीं मिल पाई है और सरकार के सभी वादे झूठे साबित हो रहे हैं.

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Published : Nov 14, 2021, 12:50 PM IST

Updated : Nov 14, 2021, 1:15 PM IST

उत्तरकाशी:जनपद में चार माह पूर्व जुलाई में प्राकृतिक आपदा ने चार गांवों में कहर बरपाया था, जिसमें चार लोगों की जान भी चली गई थी. साथ ही लोगों के घर और दुकानें भी आपदा की भेंट चढ़ गई थी. इसी आपदा के घाव आज भी कंकराड़ी गांव में देखे जा सकते हैं. गांव के तीन परिवार ऐसे हैं जो आज भी आपदा की मार झेल रहे हैं और राजकीय इंटर कॉलेज मुस्टिकसौड़ के भवनों के एक-एक कमरों में रहने को मजबूर हैं. वहीं, 4 माह से जिला प्रशासन की ओर से इन परिवारों के विस्थापन के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई है. देखें ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट...

आपदा प्रभावित कंकराड़ी गांव में तीन परिवार ऐसे हैं. जिन्हें आज भी सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिली. तीनों परिवार राजकीय इंटर कॉलेज मुस्टिकसौड़ के भवनों के एक-एक कमरों में रहने को मजबूर हैं. यही कारण है कि आपदा प्रभावित मोहन सिंह गुसाईं की छोटी बेटी रोशनी के अपने घर के आंगन से डोली उठने के अरमान भी दिल में ही रह गए. रोशनी के परिवार को सरकारी स्कूल के एक कमरे में ही पूरी वयवस्थाएं बनाकर रोशनी की शादी कर विदा करना पड़ा.

जुलाई से सरकारी स्कूल में रहने को मजबूर आपदा पीड़ित.

बता दें कि, गत 18-19 जुलाई 2021 को उत्तरकाशी जनपद के मांडो, निराकोट सहित कंकराड़ी गांव में प्रकृति का रौद्र रूप देखने को मिला. मांडो गांव के बीचोबीच बहने वाला गदेरा तबाही लेकर आया. मांडो गांव में करीब 4 से 5 मकान जमींदोज हो गए हैं. कंकराड़ी गांव के तीन मोहन सिंह गुसाईं, दलवीर सिंह गुसाईं, रामपाल सिंह पंवार के परिवार को राजकीय इंटर कॉलेज मुस्टिकसौड़ के सरकारी भवन के एक-एक कमरों में शिफ्ट कर दिया गया.

प्रशासन ने इन परिवारों के विस्थापन की बात कही थी और भू वैज्ञानिकों की रिपोर्ट में भी गांव के कई भवनों को खतरे की जद में बताया गया. कुछ दिन कि कार्रवाई के चार माह बाद आज जिला प्रशासन और सरकार इन आपदा प्रभावितों को भूल चुकी है. एक परिवार के 6 से 7 लोगों को सरकारी स्कूल के एक-एक कमरों में जीवन यापन करने के लिए मजबूर हैं.

पीड़ित मोहन सिंह गुसाईं की छोटी बेटी रोशनी ने बताया कि जुलाई माह की आपदा में उनके घर के पूरा आंगन आपदा की भेंट चढ़ गया था. जिससे उनका आवासीय भवन खतरे की जद में आ गया. उसके बाद उनके परिवार को सरकारी स्कूल में शिफ्ट कर दिया गया, लेकिन आज तक विस्थापन की कोई कार्रवाई नहीं हुई. यही कारण है कि बीते अक्टूबर माह में उनके परिवार को उनकी शादी के लिए स्कूल के एक कमरे में ही सारी व्यवस्थाएं बनानी पड़ी. इस दौरान उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

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रोशनी का कहना है कि हर बेटी का अरमान होता है कि जिस आंगन में बचपन बीता, उसी आंगन से डोली उठे. लेकिन सरकार और प्रशासन की बेरुखी के कारण उनके परिवार को सरकारी स्कूल में ही शादी की सभी रस्मों को निभाना पड़ा. आज यह स्थिति है कि अब सरकार के मुलाजिम उनका हाल पूछने की जहमत तक भी नहीं उठा रहे हैं.

Last Updated : Nov 14, 2021, 1:15 PM IST

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