उत्तरकाशी: दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ ने पहाड़ों में पाई जाने वाली बद्री नस्ल की गाय के संरक्षण के लिए कार्य शुरू कर दिया है. दुग्ध संघ ने उत्तरकाशी के नोगांव और भटवाड़ी ब्लॉक में बद्री गाय की नस्ल पर सर्वे किया. सर्वे कर रहे अधिकारियों का कहना था कि बद्री नस्ल की गाय के दूध से जो भी उत्पादन होता है, वह अत्याधिक पौष्टिक होता है. लेकिन अब जनपद के बहुत कम गांव में बद्री नस्ल की गाय मिलती है. ऊंचाई वाले गांव में भी इनकी प्रजाति सीमित रह गई है.
दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति मातलि के प्रबंधक नीरज सिंह ने बताया कि बद्री नस्ल की गाय की संख्या लगातार घटती जा रही है. पहले ये जनपद के निचले इलाकों में भी मिलती थी. लेकिन अब ऊंचाई वाले इलाकों में भी मुश्किल से मिलती है. बढ़ते आधुनिकीकरण के साथ बद्री नस्ल की गायों की संख्या भी कम हो जा रही है.