उधम सिंह नगर:सूबे में शिक्षा व्यवस्था की स्थिति का अंदाजा प्रदेश के शिक्षा मंत्री के गृह जनपद में स्थित स्कूलों को देखकर लगाया जा सकता है. आलम ये है कि जिले के एक दर्जन प्राथमिक विद्यालयों में शौचालय की व्यवस्था तक नहीं है. स्कूली बच्चे खुले में शौच करने को मजबूर है. जबकि, उधम सिंह नगर को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया हुआ है. ऐसे में पीएम मोदी के स्वच्छता अभियान को भी पलीता लग रहा है. देखिए खास रिपोर्ट...
बता दें, उधम सिंह नगर की गदरपुर विधानसभा से ही शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय विधायक चुने गए. जिन्हें राज्य सरकार ने कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया और वह सूबे के शिक्षा व्यवस्था का जिम्मा संभाल रहे हैं. उनके गृह जनपद क्षेत्र में स्थित स्कूलों में शौचालय व्यवस्था का आलम ये है तो बाकि जनपदों का हाल क्या होगा ? इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है. यहां स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में न तो शौचालय की व्यवस्था है और न ही पीने के पानी की. ऐसे में बच्चों के सड़क पार करके बाहर जाने को मजबूर होना पड़ रहा है.
ये तस्वीर बाजपुर विधान सभा के ग्राम रम्पुरा शाकर राजकीय प्राथमिक विद्यालय की है. यहां शौचालय और पीने के पानी के लिए बच्चों को सड़क पार जाने को विवश होना पड़ रहा है. बताते चले कि जहां केन्द्र सरकार व प्रदेश सरकार स्वच्छ भारत मिशन के तहत विद्यालयों में भी बच्चों को शौचालय, पीने के पानी आदि सुविधा उपलब्ध कराने की बात करती है. वहीं, ग्राम रम्पुरा शाकर में बच्चों के लिए शौचालय के लिए खुले में जाना पड़ता है. विद्यालय में बना शौचालय बिल्कुल जर्जर हालत में है.