दिनेशपुर: जिला पंचायत उपाध्यक्ष सहित एक दर्जन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए 20 दिन से ज्यादा का वक्त बीत चुका है. लेकिन पुलिस जांच का हवाला देते हुए कार्रवाई करने से कतरा रही है. पुलिस द्वारा मात्र एक युवक को ही जेल भेजकर खानापूर्ति कर दी गई है. जबकि मुकदमे में आरोपी जिला पंचायत उपाध्यक्ष त्रिनाथ विश्वास खुलेआम घूम रहे हैं. वहीं, बीजेपी से ताल्लुक रखने वाले त्रिनाथ विश्वास पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज होने के बावजूद उनपर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही.
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नाबालिग का विवाह कराने, दुष्कर्म और अपहरण का है केस
आपको बता दें कि नाबालिग का विवाह कराने दुष्कर्म और अपहरण करने के मामले में उधमसिंहनगर जिले के जिला पंचायत उपाध्यक्ष व बीजेपी नेता त्रिनाथ विश्वास सहित 12 लोगों के खिलाफ 06 सितंबर 2020 को दिनेशपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था. दिनेशपुर की रहने वाली एक महिला ने एसएसपी से गुहार लगाते हुए ग्राम भटबोझ लच्छी थाना दिनेशपुर निवासी अर्जुन सिंह पर उसकी नाबालिग बेटी को बहला-फुसला कर शादी का झांसा देते हुए अपने साथ ले जाने का आरोप लगाया था. जिसके कुछ घण्टे बाद आरोपी युवक उसे घर छोड़ गया था. इसके बाद पीड़ित महिला द्वारा थाना दिनेशपुर पुलिस को प्रार्थना पत्र देकर कार्रवाई की मांग की गई थी.
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घर आकर धमकी देने का है आरोप
दरअसल, आरोप है कि 17 जून की रात को अर्जुन और उसका रिश्तेदार रंजीत, गुमान सिंह और दो अन्य साथी घर में घुस गए और नाबालिग को जबरदस्ती उठा ले गए. जिसके बाद मामले की सूचना पुलिस को दी गयी तो आरोपी उसकी बेटी को सुबह 4 बजे घर छोड़ कर परिजनों को जान से मारने की धमकी देते हुए चले गए. वहीं इस मामले में स्थानीय लोगों द्वारा पंचायत बैठाई गयी थी. इसके बाद महिला द्वारा एसएसपी, गृह सचिव, महिला आयोग सहित अन्य लोगों को प्रार्थना पत्र भेजा गया था. इसकी जांच एसएसपी द्वारा सीओ बाजपुर से कराई गई थी.
एसएसपी को सौंपी जा चुकी है जांच रिपोर्ट
जांच के बाद जिला पंचायत उपाध्यक्ष त्रिनाथ विश्वास सहित 12 लोगों के खिलाफ थाना दिनेशपुर में मुकदमा दर्ज किया गया था. मुकदमा दर्ज होने के बाद 20 दिन से भी अधिक का समय बीत गया है लेकिन थाना पुलिस ने मात्र एक आरोपी लड़के को जेल भेजकर खानापूर्ति कर ली है. अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर जांच का हवाला दिया जा रहा है. जबकि जिला पंचायत उपाध्यक्ष त्रिनाथ विश्वास खुलेआम घूम रहे हैं. बड़ा सवाल ये है कि जब सीओ बाजपुर द्वारा जांच कराने के बाद ही एसएसपी को जांच रिपोर्ट सौंपी गई थी तो अब तक कौन सी जांच पूरी नहीं हो पाई है.