रुद्रपुरःराज्य सरकार ने साल 2019-20 के लिए धान की खरीद का समर्थन मूल्य जारी कर दिया है. सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस साल 5 लाख 62 हजार मीट्रिक टन धान उत्पादन का अनुमान लगाया है. जिसे देखते हुए धान के ग्रेड के हिसाब से समर्थन मूल्य जारी किया है. वहीं, समर्थन मूल्य जारी होने के बाद किसानों में खुशी का माहौल है, लेकिन मंडियों की कारगुजारी से किसान चितिंत भी हैं.
धान का समर्थन जारी होने के बाद किसानों की प्रतिक्रिया. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की मानें तो प्रदेश में 5 लाख 62 हजार मीट्रिक टन धान का उत्पादन हो सकता है. उन्होंने ग्रेड ‘ए’ धान का मूल्य ₹1835, कॉमन धान का मूल्य ₹1815 निर्धारित किया है. साथ ही किसानों को धान ढुलाई का पेमेंट 24 घंटे के भीतर RTGS से सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए हैं. इसके लिए सरकार एडवांस में धनराशि देने जा रही है.
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उधर, उधम सिंह नगर जिले में इस साल 1 लाख 13 हजार हेक्टेयर में धान की रोपाई की गई है. जिले भर में करीब 62 लाख 15 हजार कुंतल धान उत्पादन किया जा सकता है. धान का समर्थन मूल्य जारी होने के बाद किसानों में उत्साह है. किसानों का कहना है कि सरकार ने समर्थन मूल्य जारी कर दिया है, लेकिन मंडियों के चक्कर काटने और समय से धान न खरीदने जैसी कई समस्याओं को लेकर किसान परेशान हैं.
उन्होंने कहा कि मंडियों में किसानों को धान बेचने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. कई दिन बीत जाने के बाद भी मंडियों में किसानों का धान तौला नहीं जाता है. जिस कारण उन्हें धान ओने-पोने दामों में बेचना पड़ता है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि मंडियों के कर्मचारी धान मिलों के साथ सांठ-गांठ करते हैं, उनका धान आसानी से तौल लिया जाता है. जबकि, किसानों का धान पड़े-पड़े ही खराब होने लगता है.