रुद्रपुर: पश्चिम बंगाल का सदाबहार कागजी नींबू (West Bengal Kagji lemon) अब उत्तराखंड के किसानों की आमदनी बढ़ाने में कारगर साबित होगा. पूरे साल नींबू देने वाले सदाबहार कागजी नींबू की पौध की नर्सरी उधम सिंह नगर और हरिद्वार में तैयार की जा रही है. पंतनगर किसान मेले (Pantnagar Kisan Mela) में लगे एक नर्सरी के स्टाॅल में लगे इस नींबू को देखने और खरीदने के लिए किसानों की भीड़ उमड़ रही है. इसकी खास बात यह है कि एक साल में ही फल देने लगता है और पूरे वर्ष भर फल देता रहता है.
बंगाल का कागजी नींबू उत्तराखंडी किसानों को बनाएगा आत्मनिर्भर, सालभर देता है फल - बंगाल का कागजी नींबू
पश्चिम बंगाल का कागजी सदाबहार नींबू (West Bengal Kagji Evergreen Lime) उत्तराखंड के किसानों को मालामाल करेगा. इसके लिए पश्चिम बंगाल की शबनम नर्सरी ने वहीं के सामान्य नींबू से ऐसी प्रजाति विकसित की गई है, जो वर्ष भर लगातार फल देता है. इस प्रजाति को कागजी सदाबहार नींबू नाम दिया गया है.
साल भर फल देता है बंगाली नींबू:पश्चिम बंगाल का कागजी सदाबहार नींबू (West Bengal Kagji Evergreen lemon) उत्तराखंड के किसानों को मालामाल करेगा. इसके लिए पश्चिम बंगाल की शबनम नर्सरी (West Bengal Shabnam Nursery) ने वहीं के सामान्य नींबू से ऐसी प्रजाति विकसित की है, जो वर्ष भर लगातार फल देता है. इस प्रजाति को कागजी सदाबहार नींबू नाम दिया गया है. किसान मेले में लगे शबनम नर्सरी स्टाॅल पर बागवानों का हुजूम उमड़ रहा है. पंतनगर किसान मेले में पश्चिम बंगाल का कागजी सदाबहार नींबू (Bengal Kagji lemon) किसानों की पहली पसंद बन रहा है. इसकी खास बात यह है की एक साल में ही फल देने लगता है और पूरे वर्ष भर फल देता रहता है.
किसानों की आय में होगा इजाफा:इतना ही नहीं किसान इसके फल जिस महीने में लेना चाहें तब ले सकते हैं. इसके लिए किसान को चार माह पूर्व इसकी छंटाई करनी होती है. जिसके बाद पेड़ में फूल और उसके बाद फल लगने शुरू हो जाते हैं. पांचवें महीने में किसान फलों को मंडी में बेच सकते हैं. शबनम नर्सरी के संचालक अयान मंडल ने बताया कि बाजार में आने वाली कागजी नींबू की किसान पैदावार कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि इसके पौधों को उत्तराखंड में किसानों को उपलब्ध करवाकर प्रोत्साहित कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने उधम सिंह नगर के धौराडाम व हरिद्वार में किसानों के कई एकड़ प्रक्षेत्र में नर्सरी भी लगवाई है.