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भारतीय किसान यूनियन ने हरिद्वार को बाढ़ ग्रस्त घोषित करने की मांग, खटीमा में किसान मुखर - Bharatiya Kisan Union

Khatima Farmer Protest इस मानसून सीजन में किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. लक्सर में भारतीय किसान यूनियन (टिकैत गुट) ने जिलों को बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र घोषित किए जाने और किसानों को उचित मुआवजा दिए जाने की मांग की. वहीं खटीमा में किसानों ने प्रशासन को समय पर धान की खरीद करने की मांग की है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 30, 2023, 9:48 AM IST

लक्सर/खटीमा:हरिद्वार केलक्सर में भारतीय किसान यूनियन (टिकैत गुट) ने जिले को बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र घोषित किए जाने की मांग की है. मांगों को लेकर चार अक्टूबर को लक्सर में महापंचायत का ऐलान किया गया है. वहीं दूसरी ओर खटीमा में आढ़तियों द्वारा पिछले साल का धान खरीद बकाया ना देने पर किसानों में रोष है. जिसको लेकर किसानों ने खटीमा तहसील में रोष प्रकट करते हुए एक अक्टूबर से सरकारी धान क्रय केंद्रों पर धान खरीद शुरू करने की मांग को लेकर ज्ञापन दिया.

भारतीय किसान यूनियन (टिकैत गुट) के जिलाध्यक्ष विजय शास्त्री ने कहा कि आपदा के कारण किसानों की 90 फीसदी फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है. सरकार द्वारा मुआवजे के नाम पर महज दिखावा किया जा रहा है. जितना मुआवजा किसानों को दिया जा रहा है. उससे दस गुना अधिक खर्च फसल की बुआई में आता है. उन्होंने हरिद्वार जनपद को बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र घोषित किए जाने, किसानों के कर्ज तथा बिजली बिल पूरी तरह माफ किए जाने और आपदा से बर्बाद हुई फसलों का दस हजार रुपए प्रति बीघा मुआवजा दिए जाने की मांग की है.
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खटीमा में किसान मुखर:सीमांत खटीमा क्षेत्र के किसानों ने धान खरीद से जुड़ी समस्याओं को लेकर मंडी समिति सभागार में बैठक की और अपनी मांगों के पूरा न होने पर आंदोलन करने का निर्णय लिया. किसानों ने खटीमा तहसील पहुंच कर प्रशासनिक अधिकारियों का घेराव कर, मदद करने की मांग की. इस दौरान अपनी मांगों को लेकर किसानों ने उप जिलाधिकारी रविंद्र बिष्ट से मुलाकात की और किसानों की 3 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन भी प्रशासनिक अधिकारियों को सौंपा. किसानों की मांग थी कि आगामी एक अक्टूबर से क्षेत्र में धान खरीद शुरू कर जाए. वहीं किसानों की पेमेंट रोकने वाली एजेंसियों को ब्लैक लिस्ट किया जाए.

किसानों का कहना था कि यदि धान खरीद केंद्र समय पर खरीद शुरू नहीं करती है तो किसान अपनी फसल समर्थन मूल्य पर नहीं बेच सकेंगे. ऐसे में किसानों को होने वाले नुकसान का जिम्मेदार प्रशासन होगा. वहीं किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष गुरसेवक सिंह ने कहा कि हर वर्ष सरकार समय पर धान खरीद केंद्र खोले जाने की बात कहती है. परंतु स्थानीय मिल व्यापारियों के साथ मिलकर किसानों को ठगने का काम किया जाता है. यदि इस बार समय पर खरीद हेतु कांटे नहीं खोले गए एवं किसानों की मांगों को नजरअंदाज किया गया तो किसान आंदोलन के लिए बाध्य होंगे.

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