उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

टिहरी झील से प्रभावित ग्रामीणों ने उठाई विस्थापन की मांग, DM ने किया आपदा प्रभावित गांवों का दौरा

टिहरी झील से प्रभावित ग्रामीणों ने धरना देते हुए पीएम मोदी, यूपी सीएम और उत्तराखंड सीएम से विस्थापन की मांग की है. ग्रामीणों का कहना है कि टिहरी झील का जलस्थर आधा दर्जन गांव के निचले हिस्से तक पहुंच गया है. इससे ग्रामीणों में डर का माहौल है. वहीं, टिहरी डीएम ने 15 किमी पैदल चलकर आपदा प्रभावित गांवों का स्थिलीय निरीक्षण किया है.

Etv Bharat
Etv Bharat

By

Published : Aug 24, 2022, 2:28 PM IST

टिहरी: जिले में टिहरी झील से प्रभावित ग्रामीणों ने विस्थापन (Demand for displacement of Tehri villagers) की मांग की है. ग्रामीणों ने धरना देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी से विस्थापन (Villagers protest near Tehri lake) की अपील की है. ग्रामीणों का कहना है कि टिहरी बांध की झील के जलस्तर बढ़ने से उठड्, पिपोला, नंदगांव और लूनेट्ठा गांव के नीचे तक पानी (Tehri lake water reached the village) पहुंचने से ग्रामीण खौफजदा हैं. ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि वह जल्द से जल्द विस्थापन करें.

धरने पर बैठे लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी और यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ और प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अपील की है कि वह टिहरी बांध परियोजना के हठधर्मिता अपनाने वाले अधिकारियों के जाल से इन गांवों को छुड़ाएं. क्योंकि टिहरी बांध परियोजना हमेशा से ही विस्थापन के मामले में दोहरा मानक अपनाती है. इस कारण आज इन गांव के लोगों को विस्थापन की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. इसलिए ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से अपील की है कि वह टीएसडीसी पर लगाम लगाने की कोशिश करें और टिहरी झील से प्रभावित गांव का विस्थापन तत्काल करवाएं.
ग्रामीणों की प्रमूख मांगेः

  1. सभी विस्थापितों का विस्थापन नियमों के अनुसार विवेकपूर्ण तरीके से किया जाए.
  2. संपार्श्विक क्षति नीति 2013 की विशेष समिति से विधायकों को टीएचडीसी एवं प्रशासन द्वारा निजी लाभ हेतु हटाकर संशोधित संपार्श्विक क्षति नीति 2021 कर दिया गया है तो पात्रता निर्धारण की तिथि भी 2021 ही हो.
  3. किसी परिवार को पात्रता से वंचित करने हेतु अक्सर पुनर्वास विभाग द्वारा पुनर्वास नीति का हवाला दिया जाता रहा है तो उसी नीति अनुसार 15 रुपए की दर पर सभी प्रभावितों को बिजली मुहैया की जाए और स्वक्ष भूमिगत जल निशुल्क मुहैया करवाया जाए जिसमें कि संपूर्ण टिहरी जिला आता है. क्योंकि सभी विधानसभाए टिहरी बांध द्वारा प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हैं.
  4. टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड मे टिहरी जिले के युवाओं को स्थायी रोजगार दिया जाए.
  5. सीएसआर फंड को अस्पतालों एवं विद्यालयों के प्रभावी संचालन में उपयोग किया जाए.
  6. पुनर्वास का संपूर्ण कार्य टीएचडीसी द्वारा स्वयं किया जाए.
  7. टिहरी बांध की सभी गतिविधियों के संचालन मे पार्दर्शिता हेतु एक समिति का गठन स्थानीय लोगों में से किया जाए.
  8. उत्तर प्रदेश राज्य से सभी परिसंप्तियों एवं टिहरी बांध का अधिकार उत्तराखंड को दिया जाए.

ये भी पढ़ेंःरुद्रप्रयाग के त्यूंखर और घरड़ा गांव में बादल फटने से भारी तबाही, तिलवाड़ा घनसाली मार्ग भी बंद
डीएम ने किया स्थलीय निरीक्षणः जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल डॉ. सौरभ गहरवार द्वारा घेना, सतेंगल, दोंक, सिल्ला गांव, धनचूला, पतालगढ आदि आपदाग्रस्त क्षेत्रों का लगभग 15 किमी पैदल चलकर स्थलीय निरीक्षण किया गया. इस दौरान जिलाधिकारी द्वारा आवासीय भवनों, मोटर मार्गों, ग्रामीण मार्गों, गूलों आदि का निरीक्षण करते हुए पीएमजीएसवाई एवं आरडब्लूडी के अधिकारियों को सभी कार्यों के इस्टीमेट तत्काल बनाकर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए. इसके साथ ही गांववासियों के साथ बैठक कर प्राथमिकता के आधार पर किए जाने वाले कार्यों के प्रस्ताव मनरेगा में बनाकर उपलब्ध कराने को कहा है.

वहीं, ग्वाड़ गांव में लगी टीम द्वारा अवगत कराया गया कि मलबे में लापता 5 व्यक्तियों में से 1 व्यक्ति का शव बरामद हो चुका है. कोठार कीर्तिनगर में भी लापता एक महिला का शव बरामद हो चुका है. इस दौरान जिलाधिकारी ने ग्राम घेना में ग्रामीणों के आवासीय भवनों के साथ ही आपदा से क्षतिग्रस्त अन्य भूमि का निरीक्षण किया. पीएमजीएसवाई के अधिकारी को सभी कार्यों के तत्काल इस्टीमेट बनाकर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए. गांववासियों से कहा कि बैठक कर छोटे-छोटे कार्य यथा गूल, पुश्ता, सम्पर्क मार्ग, पानीके टैंक, सुरक्षा दीवार आदि कार्यों के प्रस्ताव मनरेगा के अंतर्गत प्राथमिकता के आधार पर प्रस्तावित करें.

जिलाधिकारी द्वारा गांववासियों को आश्वासन दिया कि आपदा से क्षतिग्रस्त कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर मनरेगा, आपदा, अनटाइड फंड 2, जिला योजना आदि से जल्द ठीक कर लिया जाएगा. जिलाधिकारी ने सिल्ला गांव में पूर्ण सिंह पुत्र गोबर सिंह के आवासीय रास्ते की सुरक्षा दीवार का अपने सामने मेजरमेंट करवाते हुए जिला विकास अधिकारी को मनरेगा के तहत एक सप्ताह के अंतर्गत सैक्सन करने के निर्देश दिए हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details