टिहरी: उत्तरकाशी जिले में द्रौपदी का डांडा 2 में आए एवलॉन्च की चपेट में आया टिहरी का युवक रोहित भट्ट सकुशल घर (Rohit Bhatt reached home safely) पहुंच गया है. रोहित भट्ट एवलॉन्च की चपेट में आने के बाद बुरी तरह घायल (Rohit Bhatt injured in avalanche) हो गया था. रेस्क्यू टीम ने तत्परता के बाद रोहित को घायल अवस्था में उत्तरकाशी पहुंचाया गया. जहां से आज वे सकुशल अपने घर टिहरी पहुंच गये हैं. वहीं, टिहरी का ही एक पर्वतारोही सतीश रावत का शव द्रौपदी के डांडा से बरामद होने के दो दिन बाद (10 अक्टूबर को) उसका अंतिम संस्कार कोटेश्वर घाट पर किया गया.
बता दें टिहरी जिले की घनसाली विधानसभा के अंतर्गत ग्राम पौखाल के 21 वर्षीय रोहित भट्ट ट्रेकिंग करने उत्तरकाशी के द्रौपदी डांडा गए थे. द्रौपदी डांडा में एवलॉन्च हादसे में वह बुरी तरह से घायल हो गए थे. 13 सितंबर को रोहित भट्ट नीम के कैंप में थे. 5 अक्टूबर को सुबह 3:15 बजे द्रौपदी का डंडा के लिए निकले. जिसमें 34 ट्रेनी और 7 प्रशिक्षक शामिल थे. करीब 17000 फीट की ऊंचाई पर 8:45 पर बर्फीले तूफान के एवलॉन्च में बुरी तरह से घायल हो गए. उत्तरकाशी प्रशासन ने रोहित के पिता को एवलॉन्च में फंसे होने की खबर दी.
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रोहित के पिता ने सीने में दफ्न रखा राज: इसी 4 अक्टूबर को रोहित के बड़े भाई की शादी थी. शादी में कोई व्यवधान ना पड़े यह सोचकर रोहित के पिता ने या खबर घर में किसी भी सदस्य को नहीं बताई. पिता ने हिम्मत और साहस के साथ अपने बड़े बेटे की शादी की रस्म पूरी की. 5 अक्टूबर की रात वो उत्तरकाशी के लिए चल पड़े. उत्तरकाशी पहुंचकर घायल बेटे रोहित को देखकर उनकी खुशी देखने लायक थी. वो बार-बार ईश्वर को धन्यवाद दे रहे हैं.
चंबा के सतीश का शव बरामद: वहीं, उत्तरकाशी के उच्च हिमालयी क्षेत्र स्थित द्रौपदी का डांडा में चार अक्टूबर को हुए हिमस्खलन की घटना में टिहरी के चंबा निवासी सतीश रावत का शव बरामद हुआ है. सतीश के शव को 10 अक्टूबर सुबह मातली हेलीपैड लाया गया, जहां परिजनों ने शव की शिनाख्त की. सतीश का अंतिम संस्कार कोटेश्वर घाट पर किया गया.
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चंबा के सतीश रावत को बचपन से ही पर्वतारोहण का शौक था. स्नातक की पढ़ाई के बाद सतीश ने नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) से एडवेंचर में एडवांस कोर्स करने के लिए संस्थान में दाखिला लिया. इन दिनों वह दल के साथ द्रौपदी के डांडा में गया हुआ था. एक महीने बाद ही सतीश की छोटी बहन की शादी होनी है, जिसके लिए परिजन तैयारियों में जुटे थे. लेकिन इस बीच इस घटना से परिवार की खुशियां काफूर हो गईं. सतीश एक छोटा भाई भी है. सतीश के पिता शूरवीर सिंह रावत की चंबा में फर्नीचर की दुकान है।.