टिहरी: जिला अस्पताल बौराड़ी में अस्पताल कर्मचारियों की संवेदनहीनता सामने आई है. प्रेग्नेंट महिला घंटों अस्पताल परिसर में तड़पती रही, लेकिन अस्पताल कर्मचारी नियमों का हवाला देते हुए उसे भर्ती करने से इनकार कर दिया.
क्या क्वारंटाइन शख्स की पत्नी होना गुनाह? बंगियाल गांव की नीलम भंडारी को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन जिला अस्पताल बौराड़ी लेकर आए. जैसे ही डॉक्टरों को पता चला कि नीलम के पति तीन मई को दिल्ली से लौटे हैं और होम क्वारंटाइन हैं. उन्होंने महिला की डिलीवरी कराने से इनकार कर दिया. डॉक्टरों का कहना है कि क्वारंटाइन व्यक्ति की पत्नी को अस्पताल में भर्ती नहीं किया जा सकता है.
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मामले की जानकारी मिलते ही एसडीएम फिंचाराम चौहान जिला अस्पताल पहुंचे और प्रसव नहीं कराने पर हिमालयन अस्पताल प्रबंधन को लताड़ लगाई. जिला अस्पताल बौराड़ी के सीएमएस डॉ. अमित राय ने कहा कि मैंने पीपीई किट पहनकर महिला का प्रसव कराने को कहा, लेकिन मेरी बात नहीं सुनी गई. जिसके बाद आला अधिकारियों को मामले की जानकारी दी गई.
जिला अस्पताल बौराड़ी को पीपीपी मोड पर हिमालय जॉलीग्रांट अस्पताल द्वारा संचालित किया जा रहा है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि आए दिन अस्पताल में मरीजों को फजीहत झेलनी पड़ती है. जिस कारण यहां पर मरीजों का इलाज नहीं हो पाता है.