रुद्रप्रयाग: जिले के मणिगुह और भटवाड़ी में सौ वर्षों बाद मां क्वांरिका (चंडिका) की वन्याथ यात्रा का आयोजन किया गया है. रुद्रप्रयाग मुख्यालय पहुंचने पर यात्रा का स्थानीय भक्तों ने भव्य स्वागत किया. इस दौरान यात्रा ने कोटेश्वर मंदिर पहुंचकर गंगा स्नान किया. छह महीने तक चलने वाली मां क्वांरिका की यात्रा चारों दिशाओं के गांवों का भ्रमण करते हुए अपने भक्तों को आशीर्वाद देगी. साथ ही यात्रा समाप्त होने के बाद विशाल यज्ञ का आयोजन किया जाएगा.
बता दें कि माता सती द्वारा राजा दक्ष के अग्नि कुंड में प्राण त्यागने के बाद से राजयात्रा शुरू हुई थी. जो की प्राचीनकाल में लोगों की ओर से नंदा देवी राजजात की तरह कई किमी पैदल चारों दिशाओं में निकाली जाती थी. लेकिन ग्रामीणों के द्वारा बीते सौ साल तक मां क्वांरिका देवी की वन्याथ यात्रा को लेकर सहमति नहीं बन पाई. मगर इस बार छह गांव के ग्रामीणों में सहमति बनी और राजयात्रा दोबारा शुरू की गई. ग्रामीणों की अनुसार मां क्वारिंका देवी के सौ साल पूर्व की यात्रा के सभी अभिलेख उनके पास मौजूद हैं.