रुद्रप्रयाग:पंच केदार में से एक तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट सोमवार को सुबह 11 बजकर 30 मिनट पर कर्क लग्न में जय शंकर, जय तुंगनाथ बाबा के जयकारों के साथ ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए गए हैं. कपाट खोलने के दौरान देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी, कर्मचारी व तीर्थ पुरोहित ही मौजूद रहे. इस दौरान कोरोना नियमों का सख्ती से पालन किया गया.
तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट खुले सोमवार को तुंगनाथ यात्रा के आधार शिविर चोपता में ब्रह्म बेला पर पंडित विजय भारत मैठाणी, संजय मैठाणी, विनोद मैठाणी और अतुल मैठाणी ने पंचांग पूजन के तहत 33 करोड़ देवी-देवताओं का आह्वान किया. साथ भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव मूर्तियों का रुद्राभिषेक कर आरती उतारी. इसके बाद भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव मूर्तियों को डोली में विराजमान कर डोली का वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ श्रृंगार कर फिर आरती उतारी गई.
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भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली ने मुख्य मंदिर सहित सहायक मंदिरों की 3 परिक्रमा की. डोली के मंदिर परिसर में प्रवेश करते ही भगवान तुगनाथ के कपाट लग्नानुसार वैदिक मंत्रोच्चारण और जय तुंगनाथ बाबा के जयकारों के साथ ग्रीष्मकाल के लिए खोले गए. कपाट खुलने के बाद मठापति राम प्रसाद मैठाणी, आचार्य लम्बोदर प्रसाद मैठाणी सहित सभी तीर्थ पुरोहितों ने भगवान तुंगनाथ के स्वयंभू लिंग की पूजा-अर्चना की. इसके बाद तीर्थ पुरोहितों एवं देवस्थानम बोर्ड के अधिकारियों ने जलाभिषेक किया. कपाट खुलने के बाद तहसील प्रशासन के निर्देश पर चार हक-हकूकधारी व चार देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी और कर्मचारी तुंगनाथ धाम में मौजूद रहेंगे.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने की ऑनलाइन पूजा-अर्चना
भगवान तुंगनाथ के कपाट खुलने के पावन अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री व हरिद्वार सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने ऑनलाइन पूजा कर विश्व कल्याण एवं क्षेत्र के खुशहाली की कामना की. तीर्थ पुरोहित राजकुमार तिवारी ने बताया कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री निशंक की तरफ से लगभग दो घंटे तक ऑनलाइन पूजा कर आरती उतारी गई.