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केदारनाथ धाम को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने के प्रस्ताव पर बिफरे तीर्थ पुरोहित, आंदोलन की दी धमकी - Kedarnath Dham as national heritage

केदारनाथ धाम को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने का प्रस्ताव पर तीर्थ पुरोहितों ने नाराजगी जताई है. तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि केदारनाथ धाम को राष्ट्रीय धरोहर के प्रस्ताव को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार केदारनाथ धाम को पुरातत्व विभाग को सौंपकर देवस्थानम बोर्ड की व्यवस्था को लागू करना चाहती है.

Kedarnath Dham National Heritage
केदारनाथ धाम राष्ट्रीय धरोहर

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Published : Apr 22, 2022, 10:00 PM IST

Updated : Apr 22, 2022, 10:27 PM IST

रुद्रप्रयागः केदारनाथ धाम को राष्ट्रीय धरोहर (Kedarnath Dham National Heritage) घोषित करने के प्रस्ताव पर चारधाम तीर्थ पुरोहितों की खुली बगावत के बाद केदारसभा ने स्पष्ट कर दिया है. तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि केदारनाथ धाम को राष्ट्रीय धरोहर के प्रस्ताव को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जरूरत पड़ी तो एक बार फिर तीर्थ पुरोहित समाज आंदोलन पर उतारू होगा.

ऋषिकेश में चारधाम तीर्थ पुरोहित एवं हक-हकूकधारी महापंचायत की बैठक में लिए गए निर्णय का खुला समर्थन करते हुए केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला (Kedar Sabha President Vinod Shukla) ने आरोप लगाया कि सरकार राष्ट्रीय धरोहर की आड़ में देवस्थानम बोर्ड की व्यवस्था को नए रूप से लागू करने की साजिश कर रही है. उन्होंने कहा कि भोले केदारनाथ पूरी श्रृष्टि के आराध्य हैं. उनको एक राष्ट्र की धरोहर नहीं माना जा सकता. चेतावनी भरे लहजे में विनोद शुक्ला ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तीर्थ पुरोहितों का अपमान कर देवस्थानम बोर्ड का गठन किया था, जिसके बाद पूरे प्रदेश में विरोध हुआ था. नतीजन सरकार को देवस्थानम बोर्ड भंग करना पड़ा और अब केदारधाम को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की एक बहुत बड़ी साजिश रची जा रही है.

केदारनाथ धाम को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने के प्रस्ताव पर बिफरे तीर्थ पुरोहित

देवस्थानम बोर्ड की व्यवस्था लाना चाहती है सरकारःउन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार केंद्र के इशारों पर केदारनाथ धाम को पुरातत्व विभाग को सौंपकर देवस्थानम बोर्ड की व्यवस्था को लागू करना चाहती है. उन्होंने कहा कि कितनी बड़ी विडंबना है कि देवस्थानम बोर्ड की खामियों को लेकर ही सरकार ने देवस्थानम बोर्ड भंग किया था और अब राष्ट्रीय धरोहर नाम से नया षड़यंत्र रचा जा रहा है, जिसको किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा. केदारसभा के अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि चारधाम तीर्थ पुरोहित एवं हक-हकूकधारियों की महापंचायत राष्ट्रीय धरोहर के विरूद्ध में खुली चेतावनी दे चुकी है. इसके बावजूद भी यदि केदारनाथ धाम को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने का प्रयास किया गया तो इसके गंभीर परिणाम होंगे और समूचा तीर्थ पुरोहित एवं हक-हकूकधारी समाज बड़े आंदोलन पर उतारू होगा.
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समिति के अध्यक्ष ने बताया अफवाहः बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने टिप्पणी करते हुए कहा कि केदारनाथ मंदिर को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने और भारतीय पुरातत्व विभाग को सौंपने संबंधी समाचार पूरी तरह से भ्रामक व तथ्यहीन है. उन्होंने कहा कि इस बाबत सचिव, संस्कृति एवं धर्मस्व हरि चंद्र सेमवाल से वार्ता कर प्रकरण की पूरी जानकारी ली गई है. उन्होंने स्पष्ट किया कि ना तो शासन स्तर पर और ना ही पुरातत्व विभाग की ओर से ऐसी कोई कार्रवाई की जा रही है, जो तीर्थ पुरोहितों एवं हक-हकूकधारियों की नाराजगी बन सके. उन्होंने कहा कि पूरी स्थिति का अध्ययन करने से सभी तथ्य सामने आ जाएंगे.

Last Updated : Apr 22, 2022, 10:27 PM IST

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