रुद्रप्रयागः जिला पंचायत रुद्रप्रयाग पर घोड़े-खच्चर संचालकों से अवैध वसूली करने का आरोप लगा है. बताया जा रहा है कि घोड़े-खच्चरों की गद्दी के नाम पर प्रत्येक संचालक से 40-40 रुपए की पर्ची काटी जा रही है. जबकि, उन्हें गद्दी तक नहीं दी जा रही है. इसके अलावा कई बार तो पशु पालकों से सौ से डेढ़ सौ रुपए तक लिए जा रहे हैं. बाहरी जिलों से आए पशु पालकों से जमकर लूट मचाई जा रही है. वहीं, जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह ने इन सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है.
दरअसल, केदारनाथ आपदा के बाद से केदार यात्रा मार्ग की व्यवस्थाओं को जिला पंचायत से हटाकर प्रशासन को सौंपा गया है. प्रशासन की ओर से सफाई व्यवस्था जहां सुलभ को सौंपी गई है. वहीं, घोड़े-खच्चरों का प्रीपेड काउंटर जी मैक्स कंपनी संभाल रही है. कभी जिला पंचायत के पास केदारनाथ यात्रा की पूरी व्यवस्थाएं हुआ करती थी, लेकिन आज कुछ भी नहीं है. मात्र सोनप्रयाग और सीतापुर में दो पार्किंग के जरिए जिला पंचायत राजस्व जुटा रहा है.
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पिछले कुछ समय से जिला पंचायत की ओर से घोड़े-खच्चर संचालकों को गद्दी देकर चालीस रुपए की पर्ची काटी जा रही है. यह गद्दी घोड़े-खच्चरों में लगाई जाती है, जिससे तीर्थयात्री को यात्रा के समय कोई भी समस्या ना हो. यह कार्य जिला पंचायत पिछले कुछ सालों से कर रहा है, जिससे जिला पंचायत को यात्रा से थोड़ा बहुत आय प्राप्त हो जाती है. इस बार जिला पंचायत की ओर से जिस व्यक्ति को यह कार्य सौंपा गया है, उस पर अवैध वसूली का आरोप लग रहे हैं.
केदारनाथ यात्रा मार्ग पर साढ़े 8 हजार घोड़े-खच्चरों का रजिस्ट्रेशन हो रखा है. इन घोड़े-खच्चरों में बैठने वाले किसी भी यात्री को कोई दिक्कत न हो, इसके लिए जिला पंचायत ने गद्दी लगाने के लिए जिला प्रशासन की अनुमति पर एक व्यक्ति को यह कार्य सौंपा. शर्तों के तहत घोड़े-खच्चर संचालकों को गद्दी देकर चालीस रुपए की पर्ची काटी जानी है, जिसका कार्य जी मैक्स को करना है.