रुद्रप्रयागःआखिरकार लंबे समय बाद नैनीताल हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर लगाई रोक हटा दी है. यात्रा पर रोक हटाए जाने से तीर्थ पुरोहित समाज के साथ ही व्यापारियों और मजदूरों में खुशी की लहर है. केदारनाथ यात्रा से केदारघाटी के 80 प्रतिशत लोगों का रोजगार जुड़ा है. उनका कहना है कि यात्रा पर रोक हटने से उन्हें रोजगार मिलेगा. जिससे वे अपने परिवार का लालन-पालन कर सकेंगे. दो साल से कोरोना महामारी के चलते तीर्थाटन व्यवसाय चौपट हो गया है.
दरअसल, कोरोना के मामलों में बढ़ोत्तरी, स्वास्थ्य सुविधाओं में कमी एवं अन्य अव्यवस्थाओं से संबंधित जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 28 जून को चारधाम यात्रापर अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी थी. इस आदेश के खिलाफ प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल की थी. जिस पर सुनवाई नहीं हो सकी थी. हाल ही में महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर एवं सीएससी चंद्रशेखर रावत ने मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान की अध्यक्षता वाली खंडपीठ से मौखिक रूप से यात्रा पर लगी रोक हटाने का आग्रह किया था.
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सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी विचाराधीन होने का हवाला देते हुए कोर्ट ने विचार करने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से एसएलपी वापस ले ली थी. बीते दिनों हाईकोर्ट को सरकार ने इस बारे में जानकारी दी तो कोर्ट ने 16 सितंबर की तिथि नियत की थी. आज नैनीताल हाईकोर्ट ने सशर्त चारधाम यात्रा पर रोक हटा दी है. श्रद्धालुओं और पर्यटकों को चारधाम में शामिल होने के लिए कोविड निगिटिव रिपोर्ट और वैक्सीन की दोनों डोज अनिवार्य किया है.