रुद्रप्रयाग: द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर धाम के कपाट खोलने की प्रक्रिया शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में पौराणिक परम्पराओं व रीति-रिवाजों के साथ शुरू हो गई है. भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव मूर्तियों को वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ ओंकारेश्वर मंदिर के गर्भ गृह से सभा मंडप पर लाया गया. वहीं सीमित महिलाओं द्वारा भगवान मद्महेश्वर को नए अनाज का भोग अर्पित किया गया.
इस दौरान लॉकडाउन के नियमों का सख्ती से पालन किया गया. शुक्रवार यानी आज भी भगवान मद्महेश्वर सभा मंडप में विराजमान रहेंगे. 22 मई को भगवान मद्महेश्वर की डोली ऊखीमठ से अपने धाम के लिए रवाना होगी. जानकारी के मुताबिक इस साल भी लॉकडाउन के कारण भगवान मद्महेश्वर की डोली मंगोलचारी से रांसी तक रथ से जाएगी.
बता दें कि मद्महेश्वर में भगवान शंकर के मध्य भाग की पूजा होती है. गुरुवार को ओंकारेश्वर मंदिर के प्रधान पुजारी शिव शंकर लिंग, टी गंगाधर लिंग व मद्महेश्वर धाम के प्रधान पुजारी शिव शंकर लिंग द्वारा भगवान ओंकारेश्वर सहित पंचनामा देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना कर जलाभिषेक किया. भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव भोग मूर्तियों को परंपरागत सभा मंडप पर लाया गया और ब्राह्मण, वेद पाठियों द्वारा पुन भगवान मदमहेश्वर की मूर्तियों की विशेष पूजा की गई.