रुद्रप्रयाग: सोमवार को केदारनाथ यात्रा पर आई एक तीर्थयात्री की पत्थर की चपेट में आने से दर्दनाक मौत हो गई. इससे पहले भी एक महिला तीर्थयात्री पर बर्फ का गोला गिरने से मौत हो चुकी है. बावजूद इसके यात्रा मार्ग पर सुरक्षा के कोई भी पुख्ता इंतजाम नहीं किये जा रहे हैं. ग्लेशियरों को पिघलाने और रिसर्च के लिए प्रशासन ने वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालियन जियोलॉजिकल को बुलाया था. लेकिन आज इस दिशा में कोई कार्यवाई नहीं हो पाई है. लिनचोली से केदारनाथ पैदल मार्ग पर ग्लेशियर तीर्थयात्रियों के लिए मौत का सबब बने हुए हैं.
दरअसल, इस साल केदारधाम में बारिश के साथ खूब बर्फबारी हुई है. जिसके कारण लिनचोली से केदारनाथ धाम तक बड़े-बड़े ग्लेशियर बन गए हैं. इन ग्लेशियरों पर चलना तीर्थयात्रियों के लिए किसी परीक्षा से कम नहीं है. साथ ही ऊपरी पहाड़ी से ग्लेशियर कब मौत बनकर आ जाय, ये भी कोई नहीं जानता. सोमवार दोपहर में लिनचोली से पांच सौ मीटर नीचे की ओर पहाड़ी से अचानक ग्लेशियर तेजी से नीचे गिरा, जिसकी चपेट में आने से गुजरात से आई एक 55 वर्षीय महिला की मौत हो गई. महिला तीर्थयात्री का नाम भावना बेन बताया जा रहा है. घटना के बाद महिला के शव को हेलीकॉप्टर की मदद से गुप्तकाशी लाया गया. बता दें कि अब तक केदारनाथ यात्रा के दौरान 12 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है. जिनमें दो तीर्थ यात्रियों की मृत्यु ग्लेशियर टूटने के कारण हुई है. जबकि आठ तीर्थयात्रियों की मौत ऑक्सीजन की कमी और सही समय पर इलाज न मिलने के कारण हुई है.