रुद्रप्रयाग:विकासखंड अगस्त्यमुनि के तमिंड गांव के नितिन रावत का चयन राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए किया गया है. नितिन रावत को यह पुरस्कार खुद की जान की परवाह किये बगैर गुलदार से अपने भाई की जिंदगी बचाने पर दिया जा रहा है. गुलदार से लोहा लेते समय नितिन ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए गुलदार से अपने भाई व अपनी जान बचाई थी.
राज्य बाल कल्याण परिषद नई दिल्ली को उत्तराखंड से तीन बच्चों के नाम वीरता पुरस्कार के लिये भेजे गए थे, जिनमें रुद्रप्रयाग जिले के तमिंड निवासी नितिन रावत, पौड़ी के आयुष ध्यानी व अमन सुंदरियाल का नाम वीरता पुरस्कार के लिए भेजे गए थे. इसमें जिले के नितिन रावत का चयन किया गया है. उन्हें यह पुरस्कार आगामी 17 जनवरी को दिल्ली में दिया जाएगा.
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उत्तराखंड राज्य बाल कल्याण परिषद के जिला प्रभारी सतेंद्र भंडारी ने बताया कि 12 जुलाई 2021 को नारी देवी चंडिका मंदिर महायज्ञ में जाते समय तमिंड गांव निवासी नितिन झाड़ू तोक के पास पानी पी रहा था. इस बीच उसका बड़ा भाई कुछ आगे निकल गया, तभी पहले से घात लगाकर बैठा गुलदार नितिन पर झपट पड़ा. गुलदार ने नितिन को तीन मीटर नीचे धकेलकर उस पर हमला किया.
गुलदार से संघर्ष में नितिन ने उसके दोनों पंजों को पकड़ लिया. लहूलुहान होने के बावजूद नितिन अपने जीवन के लिए संघर्ष करता रहा. इस दौरान उसका भाई भी वहां पहुंचा और गुलदार पर पत्थर फेंके. गुलदार नितिन को छोड़कर उसके भाई की ओर दौड़ पड़ा. तभी नितिन के हाथ एक छड़ी लगी, जिसे उसने गुलदार पर तेजी से घुमाया और शोर मचाना शुरू कर दिया. बच्चे की आवाज सुनकर ग्रामीण पहुंचे तो गुलदार भाग गया. इस तरह नितिन व उसके भाई की जान बच गई. नितिन को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार दिये जाने पर जिले की जनता ने खुशी जताई है.