रुद्रप्रयाग: बदरीनाथ और केदारनाथ हाईवे पर बनाए गए डंपिंग जोन भविष्य में किसी बड़ी आपदा को निमंत्रण दे सकते हैं. इन डंपिंग जोन में सीमा से अधिक भार डालने से नदियों का अस्तित्व संकट में है. भारी मात्रा में जहां डंपिंग जोन में मलबा डाला जा रहा है. वहीं निर्माण कार्यों का मलबा सीधे नदियों में डाले जाने से नदी के प्रवाह को रोककर जीव-जंतुओं के अस्तित्व को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है. यह सबकुछ देखने के बाद जहां वन विभाग अर्थदंड वसूलने तक सीमित रह गया है. वहीं जिला प्रशासन के कानों में जूं तक नहीं रेंग रहा है. ऐसे में चिंता में सिर्फ और सिर्फ पर्यावरण विशेषज्ञ ही नजर आ रहे हैं.
बता दें कि बदरीनाथ से लेकर ऋषिकेश तक हाईवे पर जगह-जगह रेलवे के साथ ही ऑल वेदर कार्य के डंपिंग जोन देखे जा सकते हैं. इसके अलावा रुद्रप्रयाग संगम से लेकर गौरीकुंड हाईवे तक भी कई जगहों पर डंपिंग जोन बने हुए हैं. हालांकि रुद्रप्रयाग से गौरीकुंड तक ऑल वेदर कार्य का मलबा फेंका जा रहा है. लेकिन कर्णप्रयाग से ऋषिकेश तक हाईवे के किनारे रेलवे के साथ ही ऑल वेदर का भी मलबा भरा पड़ा है. पहले इन डंपिंग जोन की संख्या बहुत कम थी. लेकिन ऑल वेदर कार्य के बाद तेजी से शुरू हुए ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन के कार्य का मलबा भी राजमार्गों के किनारे अब देखा जा सकता है. खासकर जिन स्थानों पर रेलवे स्टेशन या फिर सुरंग दिखाई दे रही है. उन स्थानों के आस-पास बड़े से स्थान पर डंपिंग जोन साफ नजर आ रहे हैं.
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नदियां हुईं गंदी: पहाड़ों को खोदकर बनाई जा रही सुरंग का मलबा डंपिंग जोन में डाला जा रहा है. ऑल वेदर कार्य का मलबा भी इन्हीं डपिंग जोन में डाला जा रहा है. जिस कारण यह डंपिंग जोन काफी भर गये हैं और भविष्य के लिए किसी बड़ी आपदा को जन्म दे सकते हैं. एक ओर जहां हिमालयी क्षेत्र केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में शीतकाल के समय निर्माण कार्य चल रहे हैं. वहीं ग्रामीण से लेकर शहरी इलाकों में ऑल वेदर के साथ रेलवे कार्य जोरों पर होने से मौसम परिवर्तन हो गया है. पहले मंदाकिनी और अलकनंदा नदी का जल शीतकाल में साफ नजर आता था. वहीं अब ग्रीष्मकाल के मौसम के साथ ही शीतकाल में भी दोनों नदियों का पानी शुद्ध नहीं है. मिट्टी नुमा पानी हर समय नदियों की गंदगी को बयां कर रहा है.
नदियों के अस्तित्व से छेड़छाड़: मामले में जहां स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं जनता सोई हुई है. वहीं विपक्ष गंभीर अवस्था में नजर आ रहा है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी ने कहा कि ऑल वेदर और रेल परियोजना का मलबा सीधे मंदाकिनी और अलकनंदा नदी में डाला जा रहा है. वन विभाग के नीचे एनएच विभाग का सुरक्षा दीवार का कार्य जारी है. यहां पर भी गलत तरीके से नदी के प्रवाह को रोका जा रहा है. ठेकेदार और विभागीय अभियंता मिलकर नदियों के अस्तित्व के साथ खेल रहे हैं. हजारों टन मलबा अलकनंदा नदी में डाला जा चुका है. ठेकेदार ने नदी के प्रवाह को बदल दिया है. मानकों के तहत कार्य नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि नरकोटा और खांखरा के बीच डंपिंग जोन पूरी तरीके से भर चुका है. इसका मलबा सीधे नदी में जा रहा है.
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