रुद्रप्रयाग:जून के महीने में रुद्रप्रयाग जिले में गर्मी रिकॉर्ड तोड़ रही है. यहां इन दिन में 37 से 38 डिग्री के बीच तापमान पहुंच रहा है. तापमान में वृद्धि होने के कारण जनपद के अधिकांश हिस्सों में गंभीर पेयजल संकट गहरा गया है. जनपद के 25 जल स्रोत सूख चुके हैं, जिस कारण शहरी और ग्रामीण क्षेत्र की जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. स्थिति इतनी विकराल रूप धारण कर चुकी है कि पेयजल किल्लत से परेशान ग्रामीण अब जल संस्थान विभाग के कार्यालय में धरना देने भी पहुंचने लगे हैं.
बता दें, जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग वैसे तो अलकनंदा और मंदाकिनी नदी के एक छोर पर बसा है लेकिन गर्मियों में यहां पेयजल की समस्या ज्यादा हो जाती है. दो बड़ी नदियों होने के बावजूद भी जिला मुख्यालय की जनता को पुनाड़ गदेरे से पेयजल की आपूर्ति की जाती है, जो अब धीरे-धीरे सूखता जा रहा है. इन दिनों गर्मी के कारण पानी की भारी किल्लत हो गई है. रुद्रप्रयाग शहर की 20 हजार से अधिक आबादी पिछले एक सप्ताह से पानी की बूंद-बूंद के लिये तरस रही है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों के भी यही हाल हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में भी गंभीर पेयजल संकट गहरा गया है.
रुद्रप्रयाग शहर के लिए हर दिन 3.5 एमएलडी पानी की जरूरत है, जबकि स्रोत के सूख जाने से 1 से 1.2 एमएलडी ही हर दिन पेयजल आपूर्ति हो पा रही है. ऐसे में पानी के लिए लोग परेशान हैं. इसके अलावा सबसे ज्यादा समस्या विकासखंड अगस्त्यमुनि और जखोली के विभिन्न गांवों में पेयजल को लेकर बनी है. पानी को लेकर ग्रामीण जनता को मीलों की दूरी नापनी पड़ रही है. पानी के लिये परेशान हो चुकी ग्रामीण जनता अब आंदोलन का रास्ता अपनाने के लिये भी तैयार हो चुकी है और जल संस्थान कार्यालय में आकर विभागीय अभियंताओं से पेयजल की आपूर्ति कराने की मांग कर रही है.