रुद्रप्रयाग:उत्तराखंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट ऑल वेदर रोड का काम तेजी के साथ किया जा रहा है. लेकिन लापरवाही और ग़ैर-ज़िम्मेदारी से किए जा रहे निर्माण की वजह से ऑल वेदर रोड उत्तराखंड के पर्यावरण के लिए दुश्मन साबित हो रहा है. ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य में लगी कंस्ट्रक्शन कंपनी किस तरह नियमों की धज्जियां उड़ा रही है. इसकी बानगी रुद्रप्रयाग जिले में गौरीकुंड हाई-वे पर देखने को मिल सकता है.
रुद्रप्रयाग में निर्माणदायी संस्था नियमों को ताक पर रखकर काम करने में लगी है. ऑल वेदर का मलबा सीधे मंदाकिनी नदी में फेंका जा रहा है, जिससे पर्यावरण को नुकसान हो रहा है. ताज्जुब की बात ये है कि प्रशासन और संबंधित विभाग के अधिकारी आंखे मूंदे बैठे हुए हैं और इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
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यह बताने की जरुरत नहीं कि मंदाकिनी नदी पर्यावरण के साथ ही सुरक्षा कारणों से भी बेहद महत्वपूर्ण है और इससे खिलवाड़ पूरे हिमालयी क्षेत्र के लिए ख़तरनाक हो सकता है. ऑल वेदर रोड का मलबा जिस तरह मंदाकिनी नदी में फेंका जा रहा है उस पर पर्यावरणविद् ने भी चिंता चाहिर की है.
पर्यावरणविद् देव राघवेंद्र सिंह ने बताया कि ऑल वेदर रोड का मलबा सीधे मंदाकिनी नदी फेंका जा रहा है. इससे नदी के जीवों को भारी नुकसान पहुंच सकता है. केदारनाथ से निकलने वाली मंदाकिनी सेंसटिव जोन में आती है. मंदाकिनी नदी का पानी पीने और सिचाईं के काम में भी लिया जाता है.
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बता दें कि ऑल वेदर रोड निर्माण के लिए क़रार की शर्तें बिल्कुल साफ़ है. सड़क बनाने के लिए पहाड़ की कटिंग करने के बाद मलबा डालने के लिए डंपिंग ज़ोन बनाए गए हैं, लेकिन कंस्ट्रक्शन कंपनी इन नियमों का पालन नहीं कर रही है.