रुद्रप्रयाग: बॉलीवुड अभिनेता हेमंत पांडे इन दिनों परिवार के साथ केदारघाटी में हैं. हेमंत पांडे केदारघाटी के गुप्तकाशी, चोपता, कालीमठ, कविल्ठा, देवर आदि स्थानों का भ्रमण करने पहुंचे हैं. उन्होंने कहा जल्द ही भविष्य में केदारघाटी के विभिन्न कस्बों में थियेटर चलाकर युवाओं और बच्चों को अभिनय की बारीकियां सिखाई जायेंगी.
हेमंत पांडे ने कहा कि पहाड़ों में कला की नैसर्गिक प्रतिभा छुपी है, लेकिन संसाधन न होने के कारण पहाड़ों की प्रतिभायें इन्हीं कंदराओं में दम तोड़ रही हैं. उन्होंने कहा कि महाकवि कालीदास, अगस्त्य ऋषि समेत कई अन्य तपस्वियों और प्रतिभाओं की जन्मस्थली भी केदारघाटी ही है. ऐसे में इन विभूतियों की जन्मस्थली को कथानक के माध्यम से इसे लोगों के बीच पहुंचाया जाना चाहिए.
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उन्होंने कहा पांडवों को मोक्षधाम केदारघाटी में आकर असीम आध्यात्मिक शांति मिलती है. वे दुनिया के लगभग हर देश का भ्रमण कर चुके हैं, लेकिन जो प्राकृतिक सुंदरता और शांति देवभूमि उत्तराखंड के पहाड़ी कस्बों में है वो अन्यत्र कहीं नहीं.
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कृष फिल्म में एक बहादुर का रोल निभाकर अपनी कला से दर्शकों के दिल में जगह बनाने वाले हेमंत पांडे वास्तविक जीवन में भी बहुत सरल और सुलभ इंसान हैं. हेमंत ने बताया कि उनका जन्मस्थान पिथौरागढ़ है. अट्ठारह साल की उम्र में वे गांव से बाहर आकर अपने सुखद भविष्य की तलाश में दिल्ली पहुंचे.
जहां उन्होंने विभिन्न थियेटरों के माध्यम से अभिनय की बारीकियां सीखी. जिसके बाद मुम्बई जाकर छोटे पर्दे की फिल्में तथा नाटकों में अपने अभिनय किया. वर्तमान में वे दो दर्जन से अधिक बॉलीवुड फिल्मों में काम कर चुके हैं. इसके साथ ही कई नाटकों के माध्यम से लोगों का मनोरंजन कर रहे हैं. हेमंत अब बतौर निर्देशक कुछ नये प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहे हैं.
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उन्होंने बताया कि शीघ्र उपहार समिति के माध्यम से केदारघाटी में थियेटर शुरू किया जायेगा. टीम मंगतू की कई फिल्मों को देखने के बाद उन्होंने कहा कि टीम मंगतू के कलाकारों में गजब की अभिनय का क्षमता है.