पिथौरागढ़: जिले के आपदाग्रस्त क्षेत्रों में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. गोरीपार क्षेत्र के ढीलम गांव में बुधवार को एक व्यक्ति की तबीयत खराब होने पर उसे लट्ठों के सहारे 20 किलोमीटर दूर मदकोट अस्पताल लाया गया.
इस दौरान ग्रामीणों ने जान जोखिम में डालकर उफनते नालों और खतरनाक रास्तों को पार किया. कई जगहें तो ऐसी भी है, जहां बीमार व्यक्ति को लट्ठों के सहारे ले जाना नामुमकिन था. ऐसे में बीमार व्यक्ति को पीठ पर लादकर खौफनाक रास्तों को पार किया गया.
0 किमी कंधे पर लादकर मरीज को पहुंचाया अस्पताल. पढ़ें-पिथौरागढ़: हल्दू गांव के लोगों की नियति बन गई है डोली, उपेक्षा से लोगों में रोष
मुनस्यारी तहसील के गोरीपार क्षेत्र में बीमार और गर्भवती महिलाओं को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाना किसी चुनौती से कम नहीं है. गोरीपार क्षेत्र के ढीलम गांव में लवराज कोरंगा की तबीयत बुधवार को अचानक बिगड़ गई थी, लेकिन गांव से मदकोट जाने वाली सड़क बंद पड़ी है. ऐसे में ग्रामीणों ने बीमार व्यक्ति लट्ठों के सहारे 20 दूर पैदल चलकर मदकोट अस्पताल पहुंचाया.
बता दें कि इस इलाके को मदकोट से जोड़ने वाली सड़क एक महीने से बंद है. जिस कारण दर्जन भर गांवों के लोगों को ऐसी परेशानियों से रोज सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों की लाख फरियाद के बावजूद गोरीपार क्षेत्र को जोड़ने वाली सड़क को नहीं खोला गया है. स्थानीय लोगों ने मदकोट-गोरीपार सड़क को जल्द से जल्द खोलने की गुहार लगाई है.