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मुनस्यारी जिसे खुद कुदरत ने सजाया और संवारा, मिलम, लीलम और रालम का ऐसा है नजारा - गेस्ट हाउस

हिमालय की गोद में बसे मुनस्यारी को देखकर ऐसा लगता है कि मानों कुदरत ने अपने हाथों से सजाया और संवारा है. मुनस्यारी प्राकृतिक पर्यटन के साथ ही साहसिक पर्यटन का भी केंद्र है. मिलम, लीलम और रालम जैसे विश्व प्रसिद्ध ट्रेकिंग रूट में रोमांच का मजा लेने के लिए हर साल देश-विदेश के लाखों सैलानी खिंचे चले आते हैं.

मुनस्यारी का लुत्फ उठाते पर्यटक.

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Published : Apr 8, 2019, 6:20 PM IST

पिथौरागढ़: गर्मी का मौसम आते ही हिमनगरी मुनस्यारी में पर्यटकों का तांता लगना शुरू हो गया है. जिले के सरकारी और निजी गेस्ट हाउस में पर्यटकों की भारी भीड़ पहुंच रही है. गर्मी से राहत पाने के लिए लोग मुनस्यारी में ठंड का लुत्फ उठाने के लिए खिंचे चले आ रहे हैं. पर्यटकों को ये जगह किसी स्वर्ग से कम नजर नहीं आ रही है.

हिमालय की गोद में बसे मुनस्यारी को देखकर ऐसा लगता है कि मानों कुदरत ने अपने हाथों से सजाया और संवारा है. मुनस्यारी प्राकृतिक पर्यटन के साथ ही साहसिक पर्यटन का भी केंद्र है. मिलम, लीलम और रालम जैसे विश्व प्रसिद्ध ट्रेकिंग रूट में रोमांच का मजा लेने के लिए हर साल देश-विदेश के लाखों सैलानी खिंचे चले आते हैं.

मुनस्यारी का लुत्फ उठाते पर्यटक.

पर्यटकों का कहना है कि दुर्गम पहाड़ी के कारण मुनस्यारी पहुंचने का सफर भले ही जोखिम भरा हो, लेकिन यहां आने के बाद जो अद्भुत एहसास और सुकून उन्हें मिला है, उसे शब्दों में बयां कर पाना मुश्किल है.

वहीं, पर्यटन कारोबारियों ने बताया कि इस समय सबसे ज्यादा मुनस्यारी में पर्यटकों की संख्या होती है. अगर सरकार सड़क, पेयजल, स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं को बेहतर करे तो यहां पर्यटकों की संख्या में और अधिक इजाफा हो सकता है.

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