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उत्तराखंडः यहां तहसीलदार के नहीं होने से तहसील में लगा ताला, जमीन से जुडे़ काम ठप, लोग परेशान

नगर के पांखू क्षेत्र में पिछले दो वर्षों से तहसीलदार की तैनाती नहीं होने के चलते तहसील बंद पड़ी है. जिसके चलते स्थनीय लोगों को तहसील के काम कराने के लिए बेरीनाग और थल जाना पड़ता है. जिसके चलते लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

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Published : Jun 25, 2019, 11:55 PM IST

बंद पड़ी तहसील.

बेरीनाग: नगर के पांखू क्षेत्र में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान उप तहसील बनाया गया था. जिसमें बेरीनाग और थल से कुछ अस्थाई कर्मचारियों की तैनाती कर कार्यालय भी बनाया गया था. लेकिन पिछले दो वर्षों से तहसीलदार की तैनाती नहीं होने के चलते तहसील बंद पड़ी है और यहां से उप तहसील का बोर्ड भी हटा दिया गया है. जिसके चलते स्थनीय लोगों को तहसील के काम कराने के लिए बेरीनाग और थल जाना पड़ता है. जिसके चलते लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

जानकारी देते प्रधान संगठन अध्यक्ष, चारू पंत.

बता दें कि प्रदेश गठन के बाद लगातार प्रशासनिक छोटी ईकाइयों का गठन किया गया था. ताकि लोगों के प्रशासिनक कार्य आसानी से हो जाएं. लेकिन ईकाइयों के गठन का लाभ आज तक लोगों को नहीं मिल पाया है.
यही हाल पिथौरागढ़ जनपद का है. जहां ज्यादातर तहसीलों में तहसीलदारों के पद रिक्त हैं. जिनमें पिथौरागढ़, गंगोलीहाट, बेरीनाग, डीडीहाट, धारचूला, मुनस्यारी, थल, गणाई, गंगोली, तेजम, बंगापानी, देवलथल और कनालीछीना में तहसीलदार के पद रिक्त हैं.

जिसके चलते लोगों को भूमि के संदर्भ कार्य और दाखिला खरिज करने के लिए दर-दर की ठोखरें खानी पड़ रही हैं.
वहीं प्रधान संगठन के अध्यक्ष चारू पंत ने कहा कि तहसीलदार नहीं होने के चलते एक वर्ष से लोगों के राजस्व वाद और भूमि से जुडे़ कार्य लंबित पड़े हैं. साथ ही बताया कि तहसीलों में स्थाई तहसीलदार की नियुक्ति की मांग को लेकर पूर्व में कई बार मंत्रियों और सीएम को ज्ञापन भेजा जा चुका है.

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लेकिन उसके बाद भी तहसीलदारों की नियुक्ति के लिए कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. यदि जल्द लोगों के लंबित कार्य नहीं होते हैं और तहसीलदारों की नियुक्ति नहीं होती है तो आंदोलन किया जायेगा.
वहीं सामाजिक कार्यकर्ता दिनेश आर्या ने कहा कि यहां पर उप तहसील नहीं होने से लोगों को बेरीनाग और थल जाना पड़ता है. ऐसे में जनता की समस्या को देखते हुए यहां पर जल्द कार्यालय खोला जाना चाहिए.

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