बेरीनाग: मन में कुछ करने का जज्बा हो तो उसके आगे बड़ी मुश्किल और परेशानी भी छोटी हो जाती है. यह कर दिखाया बेरीनाग में रहने वाली 25 वर्षीय गीता गिरि गोस्वामी ने. गीता समाजशास्त्र से एमए करने के बाद स्थानीय स्तर पर एक पब्लिक स्कूल में बच्चों को पढ़ाने का काम करती थी. मार्च माह से कोरोना के कारण लाॅकडाउन लगने के बाद गीता घर में बैठे-बैठे बोर होने लगीं. समय का सदुपयोग कर गीता ने रियासतकाल से चली आ रही उत्तराखंड की लोक कला ऐपण को आगे बढ़ाने का काम किया है. उन्होंने पुराने बर्तनों, कपड़ों सहित विभिन्न चीजों में ऐपण से कला बिखेरकर उसे सोशल मीडिया पर डाला. जहां हजारों लोगों ने उनके काम को पसंद करने के साथ ही उनसे ऐपण बनाने की भी डिमांड की.
पुराने बर्तनों और कपड़ों में बिखेरी ऐपण कला बता दें कि, दो दशकों से चली आ रही ऐपण का महत्व आज की आधुनिक चकाचौंध में कम होने लगा है. अब लोग रेडीमेड ऐपण का प्रयोग अधिक करने लगे हैं. लेकिन, गीता ने इसे फिर से आगे बढ़ाने के साथ ही लोगों का ध्यान इसकी ओर आकर्षित किया है. ऐपण कुमाऊं में हर शुभ कार्य (शादी, जनेऊ, नामकरण संस्कार, तीज त्योहारों) में बनाई जाती है. गीता लॉकडाउन से लेकर वर्तमान तक 6 हजार से अधिक ऐपण बना चुकी हैं, जिससे उन्हें धनराशि भी मिली है. गीता के पास लगातार डिमांड बढ़ने से उनका हौसला भी बढ़ता जा रहा है. उनके पास ऐपण की इतनी मांग बढ़ गई है कि गीता को दिनभर में 12 घंटे से अधिक का समय इस पर देना पड़ रहा है.
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गीता बताती हैं पिछले दिनों हल्द्वानी, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ में ऐपण की ऑनलाइन प्रतियागिता का आयोजन किया गया था. जिसमें उन्हें प्रथम स्थान प्राप्त हुआ. पहली बार प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर पहला स्थान पाने के बाद उनका अधिक हौसला बढ़ा. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान के लिए यह उनका पहला कदम है. जिसमें वह लगातार आगे बढ़ रही हैं. पहाड़ की महिलाओं के लिए यह एक स्वरोजगार का बहुत अच्छा संसाधन भी है. प्रत्येक नारी आज आत्मनिर्भर बन सकती है. सदियों से चली आ रही परंपरा को जीवित रखने और लोक संस्कृति को बचाने के लिए सभी को मिलजुल कर प्रयास करना चाहिए. गीता इस कार्य का श्रेय अपने माता-पिता और भाई-बहन को देती हैं.
आधुनिक चकाचौंध में कम हो रहा ऐपण का महत्व वहीं, विधायक मीना गंगोला ने गीता की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने लुप्त हो रही ऐपण की परंपरा को शुरू किया है. जोकि बहुत अच्छा कार्य है और प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान को आगे बढ़ाता है. उनका कहना है कि गीता को सम्मानित करने के साथ ही उन्हें मदद भी दिलाई जाएगी. इसके साथ ही ब्लाक प्रमुख विनीता बाफिला ने भी गीता की तारीफ करते हुए कहा कि गीता पहाड़ की महिलाओं को ऐपण के माध्यम से बहुत अच्छा संदेश दे रही हैं. महिलाओं को गीता से प्ररेणा लेनी चाहिए और घर बैठे ही स्वरोजगार और अपने आप को आर्थिक रूप से मजबूत होने अवसर देना चाहिए.