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श्रीनगर में ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे लाइन की टनल का सफल ब्रेक थ्रू, लगे वंदे मातरम के नारे - Rail in Srinagar

Srinagar Railway Tunnel Break Through श्रीनगर में ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे लाइन की मुख्य टनल का सफल ब्रेक थ्रू हो गया है. सुरंग की कुल लंबाई 9 किमी है. इस सुरंग में 2 सहयोगी सुरंगों भी मौजूद हैं ब्रेक थ्रू की सफलता के बाद टनल में वंदे मातरम के नारे लगाये गये.

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रेलवे लाइन की टनल सफल ब्रेक थ्रू

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 6, 2024, 4:35 PM IST

Updated : Jan 6, 2024, 6:41 PM IST

रेलवे लाइन की टनल सफल ब्रेक थ्रू

श्रीनगर: केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण परियोजना ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे लाइन के लिए आज का दिन खास रहा. आज श्रीनगर शहर के बीच से निकल रही ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे लाइन की मुख्य टनल का ब्रेक थ्रू हो गया है. लगभग दो किलोमीटर लंबी इस टनल के दोनों मुहाने आज एक दूसरे से मिल गए है. ब्रेक थ्रू कार्यक्रम के दौरान रेलवे टनल के काम में लगे सभी अधिकारियों, मज़दूरों सहित अन्य कर्मियों ने वंदे मातरम के नारे लगाए. जिससे पूरी टनल गुजायमान हो गयी.

आज रेल विकास निगम लिमिटेड द्वारा 125 किमी लंबी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना में एक नया मील का पत्थर हासिल किया गया. परियोजना के पैकेज-6 में रेल विकास निगम सुरंग-11 का निर्माण कर रहा है. यह सुरंग जीएनटीआई मैदान से शुरू होकर डुंगरीपंथ गांव पर खत्म हो रही है. यह पैकेज टनल कीर्तिनगर और धारी देवी रेलवे स्टेशनों को जोड़ेगी. सुरंग की कुल लंबाई 9 किमी है. इस सुरंग में 2 सहयोगी सुरंगों भी मौजूद हैं. इससे पूर्व 1 अक्टूबर 2023 में एजेंसी ने एडिट -5 और एडिट -6 के बीच एस्केप टनल का ब्रेकथ्रू किया था. आज श्रीकोट में, एडिट-05 और एडिट-06 के बीच मुख्य सुरंग, जिसकी कुल लंबाई 2.014 किमी है, के ब्रेकथ्रू को सफलतापूर्वक पूरा किया गया है.

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इस दौरान रेलवे विकास निगम के एजीएम पमीर अरोड़ा ने कहा कर्मियों की मदद ओर मेहनत से इस सफल ब्रेक थ्रू को अंजाम दिया गया है. उन्होंने कहा पूरी परियोजना में 16 टनलों का निर्माण किया जाना है. जिसे एक साल के भीतर पूरा कर लिया जाएगा. अब तक कुल 6 ब्रेक थ्रो हो चुके हैं. कार्यदायी एजेंसी ऋत्विक के परियोजना प्रबंधक वीरेश चलमी ने बताया परियोजना में सुरक्षा मानकों का पूरा ख्याल रखा जा रहा है. सुरक्षा के मद्देनजर हर मेन टनल के साथ दो सहायक टनल बनाई गई हैं. हादसे के दौरान सभी इन सहयोगी टनल के रास्ते बाहर आ सकते हैं.

Last Updated : Jan 6, 2024, 6:41 PM IST

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