श्रीनगर: पिछले 13 सालों से कुमाऊं को गढ़वाल से जोड़ने वाला पुल का निर्माण नहीं हो पाया है. 2018 में सिंथाली पुल से जुड़ने वाले मार्ग का निर्माण तो किया जा चुका है, लेकिन मार्ग को कौड़ियाला से जोड़ने के लिए पुल का निर्माण नहीं हो पाया है. उस समय वर्ल्ड बैंक के आपदा मद से बन रहे इस पुल और मार्ग निर्माण के लिए 157 करोड़ रुपए का खर्च अनुमानित था. जिसमें मार्ग का निर्माण तो हो चुका है, लेकिन पुल नहीं बन पाया.
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बता दें कि अगर सिंथाली पुल निर्माण हो जाता है तो सतपुली, रामनगर, बैजरो और कुमाऊं जाने वाले लोगों को हरिद्वार, कोटद्वार का रुख नहीं करना पड़ेगा. लोग सीधे ऋषिकेश से इस पुल के जरिये कौड़ियाला से होते हुए अपने गंतव्यों तक पहुंच सकते हैं. साथ ही सतपुली, बैजरो, रामनगर और ऋषिकेश मंडी भी इस मार्ग से जुड़ सकती थी.
दरअसल, जहां पुल बनना. वहां स्थानीय लोगों और समाजिक संगठनों के विरोध के चलते इस पुल को दूसरे जगह स्थान्तरित कर दिया गया. अब कार्यदायी संस्था ने एक बार फिर पुल के लिए 13 अगस्त 2020 को शासन स्टीमेट भेजा है. ऐसे में इस पुल के निर्माण के लिए अभी ओर इंतजार करना पड़ सकता है.
लोक निर्माण विभाग के आधिशासी अभियंता डीसी नौटियाल का कहना है कि पुल को जोड़ने वाले मार्ग का निर्माण हो चुका है. अब पुल निर्माण को लेकर शासन को रिपोर्ट भेज दी है. जैसे ही शासन से निर्माण के रास्ते साफ होता है. वैसे ही पुल का निर्माण किया जाएगा.