कोटद्वार: पौड़ी जिलाधिकारी विजय कुमार जोगदंडे कोटद्वार पहुंचे. यहां उन्होंने लालपुर घराट रोड स्थित निर्माणाधीन पुल, देवी रोड स्थित सुखरौं नदी पुल और पूर्वी झंडीचौड़ में रेशम फार्म का निरीक्षण किया. इस दौरान जिलाधिकारी ने लोक निर्माण विभाग कोटद्वार के अधिशासी अभियंता को निर्देशित किया है कि मॉनसून से पहले निर्माणाधीन पुल से सीसी का निर्माण कार्य पूरा करा दिया जाए.
इसके अलावा पौड़ी जिलाधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने सिंचाई विभाग के अधिकारी को सुखरौं पुल के पिलरों पर आ रही दरारों को भी ठीक कराने के लिए कहा है. इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी ने पूर्वी झंडीचौड़ स्थित रेशम फॉर्म का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने उपस्थिति पंजिका सहित अन्य महत्वपूर्ण पंजिकाओं का अवलोकन करते हुए तहसीलदार को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये.
जिलाधिकारी ने कहा कि निर्माणाधीन पुल में कुछ कार्य किया जा चुका है. मॉनसून आने से पहले अधिकांश कार्य पूरा कर लिया जाएगा. दिसंबर 2022 तक सम्पूर्ण कार्य पूर्ण होने की सम्भावना है. उन्होंने पुल का निर्माण कार्य संतोषजनक पाया गया है. पौड़ी जिलाधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने कार्यदायी संस्था को पुल की नियमित निगरानी करने के निर्देश दिये हैं. साथ ही की स्पष्ट किया है कि निर्माण कार्य की गुणवत्ता में कोई समझौता नहीं किया जाएगा.
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सुखरो नदी पर देवी रोड स्थित पुल का निरीक्षण करने के बाद पौड़ी जिलाधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने कहा कि कटाव को रोकने के लिए सुरक्षा वाल लगाने के निर्देश दिये गए. उन्होंने सम्बंधित अधिकारी को निर्देशित किया है कि सुरक्षा सम्बंधी निर्माण कार्य जल्द प्रारम्भ कर पूर्ण कर लिया जाए, जिससे बरसात में भू कटाव को रोका जा सके.
आखिर में पौड़ी जिलाधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने पूर्वी झंडीचौड़ स्थित रेशम फार्म का निरीक्षण किया. यहां उन्होंने कोटद्वार तहसीलदार को रेशम विभाग की भूमि का सीमांकन करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही जो जमीन अभी तक विभाग के नाम पर नहीं है उसे जल्द ट्रांसफर करना सुनिश्चित करने को कहा है, जिसकी रिपोर्ट एक महीने के भीतर उनके सामने पेश करने को कहा है.
पौड़ी जिलाधिकारी ने कहा कि कोटद्वार और श्रीनगर में रेशम विभाग के फार्म स्थित हैं. रेशम विभाग द्वारा रेशम फार्मिंग में बहुत से कार्य किए गये हैं, लेकिन वर्तमान में जिले के अंदर रेशम विभाग का कोई भी प्रोसेसिंग प्लांट नहीं है. जबकि पूरे देश में गढ़वाल की सिल्क काफी प्रसिद्ध है.
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पौड़ी जिलाधिकारी ने कहा कि यदि रेशम का सिल्क प्लांट यहां पर स्थापित हो जाता है तो उसे एक मॉडल के रूप में विकसित किया जा सकता है. इससे किसानों को भी प्रोत्साहित किया जा सकता है. इससे रेशम के क्षेत्र में कोटद्वार और श्रीनगर में भी औद्योगिक प्रतिष्ठान प्रारम्भ हो सकेंगे. जिलाधिकारी ने रेशम विभाग से सम्बधित अधिकारी को निर्देशित किया कि जनपद में रेशम फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए निदेशालय स्तर पर मॉडल डीपीआर प्राप्त कर आकलन करके एक माह में प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें, जिससे आगे की कार्रवाई प्रारम्भ की जा सके.